गंगा की उफनाई लहरें शीतला मंदिर के सीढ़ियों के पास पहुंची, घाटों का सम्पर्क टूटा

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गंगा की उफनाई लहरें शीतला मंदिर के सीढ़ियों के पास पहुंची, घाटों का सम्पर्क टूटा


गंगा की उफनाई लहरें शीतला मंदिर के सीढ़ियों के पास पहुंची, घाटों का सम्पर्क टूटा


—मणिकर्णिकाघाट पर शवदाह के लिए बने नीचे के सभी प्लेटफार्म डूबे

वाराणसी, 31 जुलाई (हि.स.)। पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से गंगा सहित सभी सहायक नदिया उफनने लगी है। वाराणसी में उफान मारती लहरें दशाश्वमेधघाट ​स्थित शीतला माता मंदिर के सीढ़ियों के पास पहुंच गई है। इसके चलते गंगोत्री सेवा निधि और गंगा सेवा निधि की सांयकालीन गंगा आरती का स्थान उंचे स्थान पर करना पड़ा है। गंगा में बढ़ाव के चलते घाटों का सम्पर्क मार्ग भी डूब गया है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बुधवार को सुबह आठ बजे तक गंगा का जलस्तर 64.02 मीटर दर्ज किया गया। मंगलवार को जलस्तर शाम 4 बजे जलस्तर 63.88 मीटर दर्ज किया गया। इस प्रकार पिछले 24 घंटों में 30 सेंटीमीटर से अधिक जलस्तर बढ़ चुका है।

गंगा में चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर और खतरे का निशान 71.262 मीटर है। गंगा में बढ़ाव देख छोटी नावों को चलाने पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। बड़ी नावें संचालित करने वाले नाविकों को नियमों का पालन करने का निर्देश दिया गया है। गंगा के रौद्र रूप को देख तटवर्ती क्षेत्र के लोग भी संभावित बाढ़ को लेकर सशंकित है। मोक्ष तीर्थ मणिकर्णिकाघाट और हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह के लिए नीचे बने प्लेटफार्म डूब गए है। शवदाह अब उंचे स्थानों पर हो रहा है। जगह की कमी के चलते शवों के अंतिम संस्कार करने के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है। जलस्तर में बढ़ाव देख अब जिला प्रशासन भी सतर्क है। अलग—अलग स्थानों पर 6 से ज्यादा बाढ़ चौकियां बनाई गई है।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी / बृजनंदन यादव

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