आरएसएस की शाखा में आने से मिलता है गंगा स्नान से जैसा आनन्द : प्रान्त प्रचारक
वाराणसी,11 मार्च (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) काशी के विभिन्न नगरों की शाखाओं का वार्षिकोत्सव मनाया गया। वार्षिकोत्सव में स्वयंसेवकों ने भी पूरे उत्साह से भागीदारी की। स्वयंसेवकों को संघ के पंच प्रण सामाजिक समरसता, कुटुम्ब प्रबोधन,पर्यावरण,स्वदेशी भाव का जागरण, नागरिक कर्तव्य में संघ के शताब्दी वर्ष में शाखाओं के जरिए समाज निर्माण का कार्य बताया गया।
काशी दक्षिण भाग के अमरा चौराहा के निकट केशव नगर विवेकानन्द शाखा में काशी प्रांत के प्रांत प्रचारक रमेश ने संघ के शाखा की तुलना गंगा स्नान से किया। उन्होंने कहा कि जो आनन्द हमें गंगा स्नान से प्राप्त होता है, वहीं आनन्द प्रतिदिन शाखा में आने से मिलता है। वर्तमान समय में लाखों स्वयंसेवक संघ की शाखाओं के माध्यम से समाज परिवर्तन का कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों के ही संघर्ष से ही अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भव्य श्रीराम मन्दिर का निर्माण देखने को मिल रहा है। प्रांत प्रचारक ने श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड जमीन विवाद का उल्लेख कर कहा कि संघ के पांच लाख से अधिक स्वयंसेवकों ने समाज के साथ मिलकर लगातार 63 दिनों तक आन्दोलन चलाया। जिसके फलस्वरूप सरकार को जमीन वापस करनी पड़ी। 65 वर्षों तक संघ की शाखाओं में 'कश्मीर किसका' खेल होता था, जिसका परिणाम यह रहा कि 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 समाप्त कर दिया गया। भारत में कहीं भी बम ब्लास्ट, रेल दुर्घटना अथवा प्राकृतिक आपदा आने पर सबसे पहले स्वयंसेवक ही सेवा के लिए उपस्थित होता है।
स्वामी विवेकानन्द के जीवन दर्शन को बताते हुए प्रान्त प्रचारक ने कहा कि स्वामी जी को जीवन भर इस बात का दुख रहा कि उन्होंने हर जगह धर्म का प्रचार किया,लेकिन इस कार्य के लिए संगठन का निर्माण नहीं हो पाया। भगिनी निवेदिता का भी विचार था कि एक निश्चित स्थान पर प्रतिदिन यदि समाज के बन्धु एकत्र होकर मातृभूमि की वन्दना करते हैं तो उस राष्ट्र को कोई दबा नहीं सकता। स्वामी विवेकानन्द की इसी इच्छा के फलस्वरूप डॉ.हेडगेवार ने संघ का निर्माण किया।
उन्होंने बताया कि काशी प्रान्त में 2700 से ज्यादा शाखाओं के माध्यम से उस शाखा क्षेत्र के स्वयंसेवकों का व्यक्तित्व निर्माण कर रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.हरिओम सिंह ने किया। कार्यक्रम के अन्त में मातृशक्तियों ने समवेत स्वर में वन्देमातरम का गायन किया।
इसी तरह लंका के गंगानगर माधव शाखा पर आयोजित वार्षिकोत्सव में पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र मुख्य मार्ग प्रमुख राजेन्द्र सक्सेना ने स्वयंसेवकों को संघ की स्थापना, हिन्दू समाज को संगठित करने और उसमें अनुशासन का भाव बनाने के लिए संस्थापक डॉ.हेडगेवार के संघर्ष को बताया।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में संगठन अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है और स्वयंसेवकों के लिए यह गर्व का विषय है कि संघ में कोई विघटन नहीं हुआ है। शाखा में खेले जाने वाले कबड्डी खेल के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह खेल स्वयंसेवकों में निडरता और पुर्नजन्म का भाव विकसित करता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवा भारती के जिला महामंत्री डा.राघव मिश्र ने किया।
काशी मध्य भाग के विवेकानन्द नगर लोहता शाखा के वार्षिकोत्सव में मुख्य वक्ता राघवेंद्र ने कहा कि आज समाज में दुर्योधन जैसी शक्तियां बहुत ज्यादा हैं। एक घंटे की शाखा में भेदभाव रहित खेल व गीत हमें सामाजिक रूप से मजबूत बनाती है। शाखा वार्षिकोत्सव कार्यक्रम के प्रारम्भ में भगवा ध्वज को लगाया गया। तत्पश्चात संघ की शाखाओं में आयोजित होने वाले खेल, समता, व्यायाम योग, आसन एवं गणगीत का प्रदर्शन किया गया। यहां कार्यक्रम में संघ के सह प्रान्त कार्यवाह डॉ.राकेश,सह विभाग संघचालक त्रिलोक,काशी दक्षिण भाग के संघचालक अरुण,भाग प्रचारक विक्रांत आदि की मौजूदगी रही।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/राजेश
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