कानपुर कमिश्नरेट के कैंट थाना में बना पहला ई-मालखाना

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कानपुर कमिश्नरेट के कैंट थाना में बना पहला ई-मालखाना


कानपुर, 07 सितम्बर (हि.स.)। कमिश्नरेट पुलिस तकनीक का बेहतर उपयोग कर रही है और एसीपी कैंट आईपीएस अंजली विश्वकर्मा की पहल पर कैंट थाना में शनिवार को पहला ई-मालखाना खुल गया। ई-मालखाना का पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने उद्घाटन किया और बताया कि इसके जरिये संबंधित अधिकारी कहीं पर भी लागिन करके आसानी से मालखाना की निगरानी कर सकेंगे। इसके अलावा कोर्ट में सबूत पेश करने में पुलिस को मजबूती मिलेगी।

पुलिस ​कमिश्नर अखिल कुमार ने बताया कि ई-मालखाना ऐप एवं वेबसाइट के माध्यम से मालखाना से सम्बंधित सभी प्रविष्टियां जैसे माल मुकदमाती, माल लावारिस, माल कुर्की की पलभर में जानकारी होगी। वेबसाइट के माध्यम से सभी अधिकारीगणों से लेकर थाना प्रभारी तक की लॉगिन आईडी बनाई गई है। जिसके माध्यम से वह मात्र एक सिंगल क्लिक से अपने जोन/सर्किल/थाने के मालखाने की पूर्ण स्थिति की मानिटरिंग आसानी से कर सकेंगे। ई-मालखाना से मुकदमा संबन्धी माल का रखरखाव एवं क्यू आर कोड के माध्यम से पहचान करने एवं खोजने में होने वाली आसानी एवं सुविधाओं के बारे में पुलिस कर्मियों को जानकारी दी गई। ई-मालखाना पुलिस विभाग के लिए एक क्रांतिकारी कदम है, जो पारंपरिक मालखानों की कई समस्याओं का समाधान करेगा। इस साफ्टवेयर से थाना मालखाना के सभी माल को एक विशिष्ट क्यू आर कोड एवं आईडी नंबर प्रदान किया जाता है, जिसको स्कैन करने पर माल का सम्पूर्ण विवरण जैसे मु०अ०सं०, धारा, दाखिलकर्ता का नाम, माल का विवरण, माल के रखे जाने का रैक क्रमांक, माल निस्तारण की स्थिति, वर्तमान स्थिति, माल का लोकेशन (सदर मालखाना, एफ०एस०एल०, कोर्ट, थाना मालखाना) आदि देखा जा सकता है।

न्यायिक व्यवस्था के लिए होगा अहम

ई-मालखाना ऐप के माध्यम से समस्त मालों को एकत्रित कर क्रमवद्ध तरीके से क्यू आर कोड के माध्यम से व्यवस्थित किया गया है। इसके जरिये कोर्ट में माल को प्रस्तुत करते समय अद्यतन स्थिति ज्ञात न होने के कारण माल का समय से कोर्ट में प्रस्तुत नहीं हो पाने जैसी समस्याओं का निवारण होगा। ई-मालखाना पेपर रिकॉर्ड्स के विपरीत, डिजिटल साक्ष्य प्राकृतिक आपदाओं जैसे आग, बाढ़ आदि से प्रभावित नहीं होते और उन्हें क्लाउड या अन्य स्थानों पर सुरक्षित रूप से बैकअप किया जा सकता है। ई-मालखाना न केवल पुलिस विभाग के लिए बल्कि न्यायिक व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। डिजिटल रिकॉर्ड मानवीय त्रुटि से मुक्त होने के कारण सटीकता के साथ त्वरित न्याय में सहायक होगा तथा न्यायिक प्रक्रिया में अनावश्यक विलम्ब के बिना यह पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही को बढ़ावा देगा। इस दौरान पुलिस उपायुक्त मुख्यालय एवं अपराध आशीष श्रीवास्तव, पुलिस उपायुक्त पूर्वी श्रवण कुमार सिंह, अपर पुलिस उपायुक्त लखन सिंह यादव, सहायक पुलिस आयुक्त छावनी/लाइन्स अंजली विश्वकर्मा आदि मौजूद रहें।

हिन्दुस्थान समाचार / अजय सिंह

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