छात्र हितों की अनदेखी पर अभाविप का प्रहार, शैक्षिक अनियमितताओं के खिलाफ सात सूत्रीय ज्ञापन

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छात्र हितों की अनदेखी पर अभाविप का प्रहार, शैक्षिक अनियमितताओं के खिलाफ सात सूत्रीय ज्ञापन


छात्र हितों की अनदेखी पर अभाविप का प्रहार, शैक्षिक अनियमितताओं के खिलाफ सात सूत्रीय ज्ञापन


छात्र हितों की अनदेखी पर अभाविप का प्रहार, शैक्षिक अनियमितताओं के खिलाफ सात सूत्रीय ज्ञापन


गोरखपुर, 17 दिसंबर (हि.स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में लंबे समय से व्याप्त शैक्षिक अनियमितताओं, प्रशासनिक उदासीनता एवं छात्र हितों की खुली अनदेखी के विरुद्ध जोरदार विरोध दर्ज करते हुए सात सूत्रीय ज्ञापन कुलपति प्रो. पूनम टंडन को सौंपा। परिषद ने चेतावनी दी कि यदि एक सप्ताह के भीतर सभी समस्याओं का ठोस समाधान नहीं किया गया तो संगठन चरणबद्ध आंदोलन के लिए बाध्य होगा।

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्र हितों की खुलेआम अनदेखी अब व्यवस्था की पहचान बनती जा रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन की उदासीनता के कारण एससी–एसटी महिला छात्रावास का आवंटन वर्षों से लंबित है, समय पर परीक्षा परिणाम घोषित नहीं हो रहे हैं, शोधार्थी मूलभूत शैक्षणिक सुविधाओं से वंचित हैं, विभागीय पुस्तकालयों में आवश्यक पुस्तकों का घोर अभाव है, छात्रवृत्ति जैसी आवश्यक सहायता महीनों तक अटकी रहती है, परिसर में पेयजल, स्वच्छता और सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएँ बदहाल स्थिति में हैं तथा छात्रों की शिकायतों पर प्रशासनिक स्तर पर न तो सुनवाई होती है और न ही कोई जवाबदेही तय की जाती है। इन सात गंभीर मुद्दों को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन ने शीघ्र ठोस और प्रभावी कार्रवाई नहीं की तो यह स्पष्ट माना जाएगा कि वह जानबूझकर छात्र भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है, ऐसी स्थिति में परिषद चरणबद्ध, उग्र और व्यापक आंदोलन के लिए बाध्य होगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।

अभाविप,गोरखपुर विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष विभांशु कुमार ने कहा कि अभाविप लगातार छात्र हितों से जुड़े मुद्दों को न केवल उठाने का कार्य करती है, बल्कि प्रत्येक विषय को उसके पूर्ण और स्थायी समाधान तक पहुँचाने के लिए निरंतर संघर्षरत रहती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय में व्याप्त शैक्षिक अनियमितताओं, प्रशासनिक लापरवाही और छात्र विरोधी रवैये के खिलाफ परिषद का संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक हर छात्र को उसका अधिकार, सम्मान और सुरक्षित शैक्षणिक वातावरण सुनिश्चित नहीं हो जाता।

अभाविप गोरखपुर विश्वविद्यालय इकाई मंत्री अरविंद मिश्रा ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही और छात्र-विरोधी रवैये ने शैक्षणिक व्यवस्था को पूरी तरह चरमराने की स्थिति में पहुँचा दिया है। एससी–एसटी महिला छात्रावास आवंटन से लेकर परीक्षा परिणाम, छात्रवृत्ति और मूलभूत सुविधाओं तक हर मोर्चे पर प्रशासन विफल सिद्ध हुआ है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने सात सूत्रीय मांगों पर तत्काल ठोस कार्रवाई नहीं की तो अभाविप विश्वविद्यालय परिसर से लेकर सड़क तक व्यापक, उग्र और निर्णायक आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।

इस अवसर पर अभाविप गोरक्ष प्रांत सह मंत्री शुभम गोविंद राव, राज्य विश्वविद्यालय कार्य संयोजक धीरेन्द्र , दीपांशु त्रिपाठी, हर्षित मालवीय, आदित्य सिंह, आकाश सिंह,महानगर मंत्री अभिषेक मौर्या , दिव्यांश चौधरी प्रीतेश राय सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहें।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय

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