संविधान ही हमें आजाद नागरिक होने का एहसास कराता है : प्रो. बिहारी लाल शर्मा

संविधान ही हमें आजाद नागरिक होने का एहसास कराता है : प्रो. बिहारी लाल शर्मा
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संविधान ही हमें आजाद नागरिक होने का एहसास कराता है : प्रो. बिहारी लाल शर्मा


वाराणसी, 26 नवम्बर (हि.स.)। भारतीय संविधान दिवस पर रविवार को सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने कर्मचारियों के साथ शपथ लेकर भारतीय संविधान के प्रति अपनी वचनबद्धता दोहराई।

इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि यह संविधान ही है जो हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का एहसास कराता है। जहां संविधान के दिए मौलिक अधिकार हमारी ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाते हैं, वहीं इसमें दिए मौलिक कर्तव्य हमें हमारी जिम्मेदारियां भी याद दिलाते हैं। संविधान के दायरे में यह विश्वविद्यालय भी चलता है, हम सभी ज़न सदैव संविधान की मर्यादा का पालन करते हुए अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। इस दिन को पहले राष्ट्रीय कानून दिवस के तौर पर मनाया जाता था। हालांकि, 2015 में सरकार ने राष्ट्रीय कानून दिवस को बदलकर संविधान दिवस कर दिया। 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया इसके बाद 26 नवंबर 1950 को संविधान लागू हुआ, जिसे गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

कुलपति ने कहा कि हर साल संविधान अपनाने की तारीख को याद करने के लिए संविधान दिवस मनाया जाता है। भले ही संविधान 26 नवंबर, 1949 तक तैयार कर लिया गया था, लेकिन इसे लागू करने से पहले दो महीने तक हर बारीकी पर नजर रखी गई।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/राजेश

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