प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर के स्तर पर ले जाने का लक्ष्य : राकेश सचान
लखनऊ, 11 मार्च (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम,खादी एवं ग्रामोद्योग तथा हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान ने सोमवार को प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर के स्तर पर ले जाने के लिए विभागीय स्तर पर की जा रही कार्यवाही एवं कार्यों की समीक्षा की।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए विभागीय उत्पादों के निर्यात को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाय। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में विभाग की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। एम.एस.एम.ई.(सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग) क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था में विशेष भूमिका अदा करता है तथा पूंजी निवेश, उत्पादन एवं रोजगार में सार्थक योगदान देता है।
श्री सचान ने कहा कि ओडीओपी उत्पादों के विपणन एवं ब्रांड प्रमोशन एवं ई-मार्केटिंग को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से ओडीओपी मार्ट ई-कामर्स पोर्टल को अधिक वाईब्रेट एवं डाइनेमिक बनाने हेतु विभिन्न ई-कॉमर्स कम्पनियों द्वारा आयोजित कार्यशाला में प्रतिभाग करने के लिए जिला उद्योग केन्द्र के अधिकारियों द्वारा उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जाय।
उन्होंने बताया कि एन.एस.ई. इमर्ज एवं नोडल एजेंसी डिलॉइट संस्था द्वारा प्रस्तुतीकरण किया गया। एन.एस.ई. इमर्ज द्वारा किये गये प्रस्तुतीकरण में एम.एस.इम.ई. सेक्टर के विकास एवं पूंजी निर्माण के लिए राज्य सरकार से एम.एस.एम.ई. विभाग के ओ.डी.ओ.पी., लघु एवं मध्यम उद्यम की प्रदेश में संचालित यूनिट्स को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर कर पूंजिगत निवेश को बढ़ाने पर जोर दिया गया। डिलॉइट संस्था द्वारा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए किये गये प्रस्तुतीकरण में विभागीय उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई क्लस्टर्स के विकास किये जाने पर जोर दिया गया।
डिलॉइट संस्था द्वारा उल्लेख किया गया कि प्रदेश की 11,000 एमएसएमई इकाईयों का योगदान ही जी.डी.पी. में प्रदर्शित होता है। इस सम्बन्ध में प्रदेश की अधिक से अधिक एमएसएमई इकाईयों का जी.डी.पी. में योगदान प्रदर्शित हो इसके लिए भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार में चल रहे गैप को पूरा करने का प्रयास किये जाने पर बल दिया गया है।
समीक्षा बैठक में रॉ मैटेरियल बैंक के सम्बन्ध में विचार विमर्श करते हुए कोयम्बटूर (तमिलनाडु) तथा ओडिशा में कार्य कर रही संस्था द्वारा संचालित कार्यों के अवलोकन हेतु विभागीय अधिकारियों को विजिट करने हेतु कार्यक्रम निर्धारित करने का निर्णय लिया गया।
इस बैठक में प्रत्येक जनपद की स्थानीय निर्यात सम्भावनाओं को एक्सप्लोर करते हुए अधिकतम सदुपयोग,स्थानीय रोजगार सृजन,निर्यात अनुकूल वातावरण सृजन हेतु उद्यमियों को आवश्यक अवस्थापना,लॉजिस्टिक,वित्त पोषण व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु प्रत्येक जनपद को पोटेंशियल एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित करने के लिए समस्त 75 जनपदों में व्यापक अध्ययन व स्टेक होल्डर्स कन्सल्टेशन के माध्यम से जिला निर्यात कार्य योजना तैयार किये जाने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव, एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन अमित मोहन प्रसाद सहित अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/जितेन्द्र/राजेश
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