आम के शौकीनों के लिए रोजाना मेहनत करते हैं 82 वर्षीय बुजुर्ग

आम के शौकीनों के लिए रोजाना मेहनत करते हैं 82 वर्षीय बुजुर्ग
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आम के शौकीनों के लिए रोजाना मेहनत करते हैं 82 वर्षीय बुजुर्ग


लखनऊ, 13 जून (हि.स.)। लखनऊ में मलिहाबाद को आम के बगीचों के लिए जाना जाता है। यहीं 82 वर्षीय बुजुर्ग मन्ना अपने बगीचे में आम खाने का शौक रखने वालों के लिए रोजाना मेहनत करते हैं। मन्ना के बगीचे में इस वर्ष अच्छे आम हुए हैं और वहां आम को खरीदने वाले सुबह से ही पहुंच जा रहे हैं।

मन्ना का घर परिवार पुत्रों, पुत्रवधुओं, पौत्र व पौत्रियों से भरापूरा है। मन्ना रोज सुबह उठकर अपने बगीचे में आते हैं। आम की डाल का निरीक्षण करते हैं। खराब आम की जांच कर उसके लिए कुछ उपाय किया करते हैं। गर्मी और वर्षा के बीच में दशहरी आम आने तक मन्ना का बगीचा भरापूरा रहता है। लोग उनके पास आ कर पेड़ के पेड़ खरीदते हैं और मौके पर ही आमों को तोड़कर अपने साथ ले जाते हैं।

मलिहाबाद क्षेत्र में मन्ना का नाम ईमानदारी के लिए लिया जाता है। जो मन्ना को जानते हैं, उनके पास आम का स्वाद लेने चले आते हैं। आम का शौक रखने वाले श्री शुक्ला मलिहाबाद और मन्ना के बारे में बताते हैं कि लखनऊ का दशहरी आम मलिहाबाद से ही जाता है। यहां मन्ना के बगीचे से आम खरीदा हूं और इस बार अच्छी फसल हुई है।

उन्होंने कहा कि वह जून माह में लखनऊ आते हैं तो मलिहाबाद में बगीचे के आम जरूर से ले जाते हैं। मन्ना के यहां से आम खरीदने पर उन्हें बेहद खुशी है। वह अपने फोन कैमरे से मन्ना और उनके परिवार के साथ फोटो भी खिंचाए हैं। ताकि अगली बार आयें तो मन्ना उन्हें याद रखें।

वर्तमान समय में मलिहाबाद क्षेत्र में आम के बगीचे में शौकीन लोग पहुंचते हैं और उनके पहुंचने के साथ ही बगीचा मालिक खुश हो उठते हैं। सुबह से शाम तक बगीचे में पेड़ों की बोली लग रही है। इसके बाद आम तोड़कर बोरियों में भरकर लोग अपने वाहनों से ले जाते हैं। ऐसे में कुछ बगीचा मालिक सीधे तौर पर पूरा बगीचा ही बेच दे रहे हैं, जिसे विशेष रूप से दुकानदार खरीदते हैं। वे बगीचे से आम तोड़ कर मंडी ले जाते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/शरद/दिलीप

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