टीबी पूरी तरह साध्य : डा. भवतोष शंखधर
इस बार 28 मार्च को मनाया गया विश्व टीबी दिवस
जनपद की सभी टीबी यूनिटों पर 120 क्षय रोगी गोद लिए गए
गाजियाबाद, 28 मार्च (हि.स.)। हर वर्ष 24 मार्च को आयोजित किए जाने वाले विश्व टीबी दिवस का आयोजन इस बार शासन के निर्देश पर गुरुवार को किया गया। 24 मार्च को होली का त्यौहार होने के चलते शासन ने यह निर्णय लिया था। विश्व टीबी दिवस का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर के निर्देशन में सभी टीबी यूनिट पर किया गया। इस मौके पर जनपद की सभी 16 यूनिट पर कुल मिलाकर 120 क्षय रोगी गोद लिए गए।
सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि आरएचएएम नामक संस्था ने जिला क्षय रोग केंद्र, साहिबाबाद गांव टीबी यूनिट, ईएसआई चिकित्सालय साहिबाबाद, संयुक्त जिला चिकित्सालय-लोनी, और विजयनगर टीबी यूनिट पर क्षय रोगियों को गोद लेकर पुष्टाहार वितरित किया गया। इसके अलावा लगभग सभी यूनिट पर राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) स्टाफ और चिकित्साधिकारी ने क्षय रोगियों को गोद लेकर पुष्टाहार प्रदान किया। सीएमओ के निर्देश पर आईएमए के सहयोग से महानगर के निजी चिकित्सकों ने अपनी ओपीडी में टीबी के प्रति जागरूकता वाली क्लिप प्रदर्शित कीं ताकि ओपीडी में आने वाले रोगी टीबी के बारे में जान सकें।
सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने कहा कि विश्व टीबी दिवस के आयोजन का उद्देश्य जन समुदाय को टीबी के बारे में जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि टीबी पूरी तरह साध्य है। नियमित उपचार के बाद टीबी पूरी तरह ठीक हो जाती है। दो सप्ताह से अधिक खांसी या बुखार, खांसी में खून या बलगम आना, रात में सोते समय पसीना आना, थकान रहना, वजन कम होना और सीने में दर्द रहना टीबी के लक्षण हो सकते हैं। इनमें से यदि एक भी लक्षण नजर आए तो टीबी की जांच अवश्य कराएं। टीबी की जांच और उपचार की सुविधा सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है। अपनों के बचाव के लिए क्षय रोगी मास्क का प्रयोग करें। दो माह के नियमित उपचार के बाद रोगी के संपर्क में रहने वालों को संक्रमण का खतरा नहीं रहता। क्षय रोगी दवा बीच में न छोड़ें। चिकित्सक की सलाह पर पूरा उपचार लें।
हिन्दुस्थान समाचार/फरमान अली
/बृजनंदन
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