काशी के 'मिनी तमिलनाडु' में तमिल छात्रों ने किया भ्रमण, महाकवि सुब्रमण्यम भारती के घर भी गए
वाराणसी,18 दिसम्बर (हि.स.)। काशी तमिल संगमम-2 के दूसरे दिन सोमवार को तमिलनाडु के छात्रों का समूह ‘गंगा’ हनुमान घाट पहुंचा। यहां छात्रों ने पवित्र गंगा में आस्था की डुबकी लगाई और मां गंगा से सुख समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। दल ने घाट पर मौजूद आचार्यों से विभिन्न घाटों के इतिहास की जानकारी ली। इसके बाद घाट पर स्थित प्राचीन मंदिरों में दर्शन-पूजन किया। सभी मेहमानों को मंदिरों के इतिहास, दिव्यता और भव्यता के बारे में जानकारी दी गई।
इसके उपरांत तमिल मेहमान हनुमान घाट स्थित तमिल महाकवि सुब्रह्मण्यम भारती के घर गए। वहां उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। छात्रों के दल में काफी कुछ जानने की जिज्ञासा दिखी। उन्होंने महाकवि के घर के समीप पुस्तकालय का भी भ्रमण किया और काफी कुछ वहां के बारे में जानकारी प्राप्त की। इसके बाद छात्र दल कांची मठ पहुंचा और वहां के इतिहास के बारे में जानकारी हासिल। काशी में दक्षिण भारतीय मंदिर को देखकर युवाओं का दल उत्साहित दिखा।
मठ में दक्षिण भारत के पंडित वेंकट रमण घनपाठी ने उन्हें बताया कि काशी और तमिलनाडु में गहरा रिश्ता है और ये समागम महज एक पखवाड़े का नहीं सदियों पुराना है। काशी के हनुमान घाट, केदारघाट, हरिश्चंद्र घाट पर मिनी तमिलनाडु बसता है। जहां एक दो नहीं बल्कि दक्षिण भारत के अलग-अलग राज्यों के हजारों परिवार बसते हैं, जो इन दोनों राज्यों के मधुर रिश्ते को दर्शाते हैं। केवल हनुमान घाट पर 150 से अधिक घर तमिल परिवारों के हैं, जिनकी गलियों में हर दिन काशी तमिल संगमम होता है।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दिलीप
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