देश से माफ़ी मांगे तमिलनाडु की स्टालिन सरकार : अभाविप
-अभाविप इविवि इकाई ने तमिलनाडु में डीएमके सरकार की विभाजनकारी नीति के विरुद्ध में किया प्रदर्शन
प्रयागराज, 24 अक्टूबर (हि.स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (अभाविप) इलाहाबाद विश्वविद्यालय इकाई द्वारा विगत 23 अक्टूबर को अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच हुए क्रिकेट मैच के दौरान चेपक स्टेडियम में पुलिस द्वारा तिरंगे को कूड़ेदान में फेंकने और स्टेडियम में दर्शकों को तिरंगा लेकर जाने से रोकने की घटना पर विश्वविद्यालय मुख्य द्वार पर स्टालिन सरकार के खिलाफ यूनिवर्सिटी चौराहे पर विरोध प्रदर्शन कर पुतला फूंका।
अभाविप कार्यकर्ताओं ने कहा कि कल तमिलनाडु पुलिस द्वारा किया गया भारतीय तिरंगे के प्रति यह अपमानजनक कृत्य पाकिस्तान में पूर्व में हुए भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के अपमान जैसा प्रतीत होता है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज ऐसा ही हमें अपनी भारतीय भूमि पर ही देखना पड़ा है। किसी भी राष्ट्र का राष्ट्रीय ध्वज उस राष्ट्र की सम्पन्नता एवं स्वाभिमान का प्रतीक होता है। अतः कोई भी ऐसा कृत्य जो हमारी भारतीय भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला हो वह किसी भी दशा में स्वीकार्य नहीं है।
इस दौरान अभाविप इविवि इकाई अध्यक्ष शिवम सिंह ने कहा कि देश की आन बान और शान तिरंगे का अपमान असहनीय है। यह बहुत ही शर्मनाक है कि भारत में ही तिरंगे को ले जाने के लिए पुलिस अनुमति नहीं दे रही है। इस घटना पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। इसी के साथ राजनीतिक स्वार्थ के लिए डीएमके के साथ गठबंधन कर रहे दलों के नेताओं की इस घटना पर चुप्पी भी शर्मनाक है। राजनीतिक स्वार्थ के लिए देश के प्रतीकों के अपमान को भी मौन समर्थन दिया जा रहा है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
अभाविप इविवि इकाई मंत्री आलोक त्रिपाठी ने कहा कि डीएमके सरकार लगातार अपनी विभाजनकारी राजनीति पर आगे बढ़ते हुए राष्ट्र के धरोहरों को आघात पहुंचाने का कार्य कर रही है। कभी क्षेत्र, कभी भाषा कभी धर्म और अब राष्ट्रीय ध्वज का अपमान कर वह देश में नकारात्मक संदेश प्रस्तुत कर रही है। इस प्रकार की घटना देश के स्वाभिमान पर प्रहार करने वाली है। छात्र एवं युवा इस घटना के विरुद्ध मुखर होकर विरोध कर रहे हैं। इस दौरान ऋषभ, कार्तिकेय पति त्रिपाठी, शिवम शर्मा, विनायक पाण्डेय आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्याकान्त/आकाश
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