काशी तमिल संगमम में काशी के काष्ठ कला को पसंद कर रहे तमिल मेहमान
-राम दरबार की सबसे अधिक मांग, काष्ठ-कलाकारों के चेहरे पर दिखी खुशी
वाराणसी, 23 दिसम्बर (हि.स.)। काशी तमिल संगमम-2 में नमोघाट पर उत्तर और दक्षिण की कला परंपराओं के वेशभूषा की लगे स्टॉल में काशी के काष्ठ कला की जमकर मांग है। दक्षिण भारतीय मेहमानों को काशी की काष्ठ कला काफी पसंद आ रही है। अब तक स्टॉल लगाए कारीगरों को लगभग 200 पीस के आर्डर आ चुके हैं। भगवान राम पर आधारित अलग-अलग लीला एवं तमिल एवं काशी पर आधारित कलाकृतियों की मांग तमिल मेहमान कर रहे है।
काशी में तमिलनाडु के मेहमानों के साथ ही वहां के व्यापारी और स्टार्टअप उद्यमी भी आए हुए हैं। यहां वे अपने उत्पादों को लोगों के बीच बेच रहे हैं। वहीं, काशी के काष्ठ कला पर आधारित तीन दुकान लगाई गई है। जहां भगवान के विभिन्न स्वरूपों एवं अलग अलग मंदिरों का डिजाइन रखा गया है, जो काशीवासियों एवं तमिल मेहमानों को खूब पसंद आ रहा है। यहां पर राम मंदिर से लेकर भगवान राम की अलग-अलग झांकियों और लीलाओं की काष्ठ की मूर्तियां तैयार करके बेची जा रही हैं।
काष्ठ कला के शिल्पी ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि काष्ठ कला काशी का बहुत पुराना आर्ट है। यह कला एकदम लुप्त होने के कगार पर थी। हम सभी आज तमिल संगमम में आए हुए हैं। यहां पर हमारी कला को लोग देख रहे हैं। यहां पर इसका काफी प्रचार-प्रसार भी हो रहा है। लोग इसकी सराहना भी कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि हमारे दुकान में 100 से अधिक प्रकार के अलग अलग काष्ठ कलाकृति हैं। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा मांग इस समय राम पर आधारित लीलाओं के बहुत सारे ऑर्डर मिल रहे हैं, जोकि हमारी ये कला जितनी लुप्त हो गई थी, अब वह काफी पसंद किया जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/आकाश
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