धर्मसंघ मणि मंदिर में अन्नकूट की झांकी, घर की रसोई से तैयार भोग की थाली चढ़ी
वाराणसी, 14 नवम्बर (हि.स.)। धर्म नगरी काशी में अन्नकूट पर्व पर मंगलवार को दुर्गाकुंड धर्मसंघ शिक्षा मंडल परिसर स्थित मणि मंदिर में अन्नकूट की परंपरा निभाई गई। घर की रसोई में तैयार 51 मन भोग ठाकुर जी, राम दरबार, मां महालक्ष्मी और द्वादश ज्योतिर्लिंग को धर्मसंघ के सचिव जगजीतन पांडेय की देखरेख में अर्पित किया गया। मंदिर में अन्नकूट प्रसाद के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती रही।
जगजीतन पांडेय के अनुसार, मणि मंदिर में अन्नकूट महोत्सव पर 56 प्रकार के मिष्ठान, फल, मेवा के साथ ही 51 मन लड्डुओं से बना शिवालय आकर्षण का केंद्र रहा। महोत्सव में अपने घरों की रसोई में पकवान, मिष्ठान्न बनाकर थाली में सजाकर श्रद्धालु मणिमंदिर में जमाकर रहे थे। 1000 से अधिक लोग अपने घर से अन्नकूट की थाली सजाकर लाए। मंदिर के अन्नकूट प्रसाद के साथ श्रद्धालुओं को भोग की थाली वापस कर दिया जाएगा। श्रद्धालु भक्तों की भोग थाली बदल न जाए इसके लिए मंदिर में खास व्यवस्था की गई है।
गौरतलब हो कि वर्तमान में अन्नकूट महोत्सव सिर्फ मंदिरों का धार्मिक आयोजन रह गया है। ऐसे में इस पर्व और महोत्सव में आमजन की भागीदारी और लोकहित में धर्मसंघ शिक्षा मंडल ने खास पहल की है। मणि मंदिर में काशी वासियों के घर की रसोई में तैयार व्यंजन से छप्पन भोग की झांकी सजाई जाती है। महोत्सव में भाग लेने वाले श्रद्धालु अपने घर की रसोई से बने सूखे व्यंजन थाली में सजाकर सुबह छह से दोपहर के 12 बजे तक मणि मंदिर में जमा करते हैं। अन्नकूट प्रसाद के साथ उन्हें भोग लौटा दिया जाता है। प्रसाद अर्पण करने वाले परिवारों को स्मृति चिन्ह भी दिया जाता है।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/आकाश
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