बीएचयू सर सुन्दरलाल चिकित्सालय में एक मरीज की सफल हृदय वाल्व प्रत्यारोपण कार्डियक सर्जरी

बीएचयू सर सुन्दरलाल चिकित्सालय में एक मरीज की सफल हृदय वाल्व प्रत्यारोपण कार्डियक सर्जरी
WhatsApp Channel Join Now


बीएचयू सर सुन्दरलाल चिकित्सालय में एक मरीज की सफल हृदय वाल्व प्रत्यारोपण कार्डियक सर्जरी


वाराणसी, 07 दिसम्बर (हि.स.)। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुन्दरलाल चिकित्सालय के सीटीवीएस विभाग में एक 35 वर्षीय मरीज की सफल न्यूनतम इनवेसिव हृदय वाल्व प्रत्यारोपण कार्डियक सर्जरी की गई। इस विधि को सामान्य बोलचाल में की होल कार्डिएक सर्जरी भी कहते हैं। ऑपरेशन डॉ अरविंद पांडेय के नेतृत्व में सीटीवीएस टीम में डॉ नरेंद्र नाथ दास, डॉ रत्नेश, निश्चेतक विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. आरबी सिंह, डॉ अरविंद भालेकर, डॉ सोनू, डॉ विवेक, डॉ सोनल, दिनेश मैटी, सौम्यजीत, अख़लेश , परिचारक त्रिवेंद्र त्यागी, आनंद कुमार, विकास आदि शामिल रहे।

विभाग के चिकित्सकों के अनुसार ३5 वर्षीय बिहार निवासी मरीज़ के हृदय के माइट्रल वाल्व में सिकुड़न की गंभीर समस्या वर्षों से थी जिसके कारण मरीज़ के हृदय का आकार बहुत बढ़ गया था। हृदय के बढ़े आकार के कारण सामने से सामान्य ओपन हार्ट सर्जरी से छाती को काटकर ऑपरेशन करने में मरीज़ को ख़तरा था। मरीज़ अत्यंत गंभीर स्थिति में चिकित्सालय में भर्ती हुआ। मरीज की न्यूनतम इनवेसिव हृदय वाल्व प्रत्यारोपण कार्डियक सर्जरी की गई। पूर्वांचल क्षेत्र में इस विधि से सर्जरी करने वाला बीएचयू पहला संस्थान है। इस प्रक्रिया में पसलियों के बीच में छोटे से चीरे से ही वाल्व प्रत्यारोपण संपन्न किया गया।। मरीज़ अभी आईसीयू में स्वस्थ हो रही है।

बीएचयू में जन्मजात हृदय के छिद्र की एमआईसीएस विधि से नियमित सर्जरी हो रही है। सरसुन्दरलाल चिकित्सालय में ओपन हार्ट सर्जरी ( बाईपास सर्जरी, वाल्व प्रत्यारोपण, हृदय के जन्मजात रोगों एएसडी, वीएसडी, टीओएफ ओपन हार्ट सर्जरी, रक्त वाहिकाओं की सर्जरी, महाधमनी की सर्जरी नियमित रूप से होती है। सामान्यतः ओपन हार्ट सर्जरी में छाती को काटना पड़ता है, पर एमआईसीएस में नहीं जिसके कारण मरीज़ को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ होता है और घाव का निशान भी बहुत छोटा होता है। इस सर्जरी में दर्द भी कम होता है और मरीज़ सात से दस दिनों में अपनी सामान्य जीवनशैली जी सकता है। पहले यह सुविधा बड़े महानगरों में ही उपलब्ध थी। अब यह सुविधा काशी हिंदू विश्वविद्यालय में भी उपलब्ध है।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर/प्रभात

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story