पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध विरासत व संस्कृति को समझेंगे विद्यार्थी : अभिनव मिश्र
--अभाविप की “पूर्वोत्तर अध्ययन यात्रा“ में सम्मिलित होंगे कार्तिकेय पति त्रिपाठी
प्रयागराज, 03 नवम्बर (हि.स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (अभाविप) पूर्वोत्तर भारत से शेष भारत के युवाओं को परिचित कराने के लिए ’पूर्वोत्तर अध्ययन यात्रा’ का आयोजन करने जा रही है। जिसमें इलाहाबाद विश्वविद्यालय के तृतीय वर्ष के छात्र व अभाविप में प्रांत सह मंत्री कार्तिकेय पति त्रिपाठी भी सम्मिलित होंगे। इस यात्रा का उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध विरासत व संस्कृति से विद्यार्थियों को परिचय कराने का है।
अभाविप के प्रदेश मीडिया संयोजक अभिनव मिश्र ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अभाविप के अंतर राज्य छात्र जीवन दर्शनयात्रा की शुरुआत 1966 में हुई थी। जिसे हर वर्ष अभाविप द्वारा आयोजित किया जाता है। इस यात्रा के निमित्त पूर्वोत्तर की विभिन्न जनजातियों से आने वाले विद्यार्थियों को विभिन्न प्रदेशों में भ्रमण करने का अवसर मिलता है। वहां उन्हें देश की सांस्कृतिक एकता, भाषाई विविधता तथा शैक्षणिक परिवेश को देखने और समझने का अवसर प्राप्त होता है। इस वर्ष नवम्बर माह में प्रस्तावित अभाविप की ’पूर्वोत्तर अध्ययन यात्रा’ के माध्यम से अब भारत के अलग-अलग राज्यों से 75 छात्र-छात्राओं को पूर्वोत्तर भारत के अलग-अलग राज्यों में जाकर परम्परा, लोक व्यवहार तथा प्राकृतिक समृद्धि को जानने का अवसर मिलेगा। यात्रा के दौरान विद्यार्थी पूर्वोत्तर भारत की अलग-अलग जनजातियों, परम्पराओं तथा ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करेंगे।
प्रदेश मीडिया संयोजक ने आगे कहा कि पूर्वोत्तर भारत के राज्य शिक्षा के प्रमुख केन्द्र के तौर पर विकसित हो रहे हैं, यह अत्यंत शुभ संकेत है। देश का शिक्षा क्षेत्र अनेक परिवर्तनों से गुजर रहा है, पूर्वोत्तर भारत के राज्य अनेक दृष्टियों से सकारात्मक परिवर्तन में प्रमुख भागीदारी कर रहे हैं। पूर्वोत्तर भारत के राज्य प्राकृतिक दृष्टि से अत्यंत समृद्ध हैं, विविध दृष्टियों से पूर्वोत्तर भारत का विकास शीघ्रता से हो रहा है। पूर्वोत्तर की समृद्ध विरासत को समझने के लिए अनेक प्रयास होने चाहिए, जिससे ’विविधता में एकता’ की भावना को देश के विद्यार्थी मूर्त रूप से समझ सकें।
कार्तिकेय पति त्रिपाठी ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मुझे ’पूर्वोत्तर अध्ययन यात्रा’ में जाने का यह मौका दिया। अभाविप ने मेरे व्यक्तित्व विकास में हर पथ पर सहायता की है, इस यात्रा के माध्यम से पूर्वोत्तर भारत की संस्कृति को जानने का अवसर मिलेगा तथा आने के पश्चात इसके अनुभव को कार्यकर्ताओं के साथ साझा करूंगा।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/सियाराम
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