छात्र शिक्षा के साथ अर्थ अर्जन करें: कविता मालवीय

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छात्र शिक्षा के साथ अर्थ अर्जन करें: कविता मालवीय


छात्र शिक्षा के साथ अर्थ अर्जन करें: कविता मालवीय


-'स्वदेशी-स्वरोजगार-स्वावलबन में औद्योगिक संस्थानों की भूमिका' विषयक गोष्ठी

वाराणसी, 16 दिसम्बर (हि.स.)। स्वदेशी जागरण मंच काशी महानगर और 'दी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्निकल एजुकेशन, व्यक्तिगत औधोगिक संस्थान' महेशपुर लहरतारा की ओर से प्रहार दिवस पर शनिवार को 'स्वदेशी-स्वरोजगार-स्वावलबन में औद्योगिक संस्थानों की भूमिका' विषयक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में मंच की महानगर संयोजिका कविता मालवीय ने स्वदेशी आंदोलन में प्रथम शहीद बाबू गेनू को याद करते हुए कहा कि छात्र शिक्षा के साथ अर्थ अर्जन करें, विकसित भारत में युवाओं का दृढ़ संकल्प वैसा ही हो, जैसे राष्ट्र को स्वतंत्रता दिलाने के लिए हमारे पूर्वजों में था।

कविता मालवीय ने कहा कि औद्योगिक संस्थानों द्वारा दिये जा रहे विभिन्न कौशल प्रशिक्षण आत्मनिर्भरता में महत्वपूर्ण भूमिका रखते हैं। स्थानीय रॉ मटेरियल से स्थायी उत्पादन का प्रयास युवाओं के लिए जरूरी है। शिक्षण संस्थान श्रेष्ठ व्यक्ति निर्माण करते हैं, श्रेष्ठ व्यक्ति श्रेष्ठ राष्ट्र का निर्माण करता करता है। कौशल विकास केंद्र के अधिकारी प्रभाकर जायसवाल ने शीघ्र ही इस विषय को रोटेरियन के मध्य रखने के लिए आमन्त्रित किया। विचार प्रमुख स्वदेशी जागरण मंच शिवाकांत ने नए उद्यम के शुरुआती समय के समस्याओं के समाधान को बताया। व्यवसायी प्रमोद ने अपने अनुभवों को बताया। भारतीय किसान संघ अध्यक्ष, जिला काशी उमाकांत ने बाबू गेनू जी के बारे में बताते हुए प्रहार दिवस, जैविक खेती की विशेषता को विस्तार से बताया। मंच के विभाग पूर्णकालिक अमरेंद्र ने संकल्प उद्घोष एवं स्वदेशी गीत को गाया। संस्था के निदेशक उमेश मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत किया। गोष्ठी में संस्था के प्राचार्य,अध्यापक व छात्र भी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/आकाश

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