बीएचयू महिला महाविद्यालय की छात्राओं ने योग कार्यशाला में लिया भाग

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बीएचयू महिला महाविद्यालय की छात्राओं ने योग कार्यशाला में लिया भाग


बीएचयू महिला महाविद्यालय की छात्राओं ने योग कार्यशाला में लिया भाग


- प्राचार्य प्रो. रीता सिंह ने कार्यशाला का शुभारंभ किया,योग के लिए छात्राओं को प्रेरित किया

वाराणसी, 21 नवंबर (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के महिला महाविद्यालय (एमएमवी) की छात्राओं ने मंगलवार को मालवीय भवन स्थित योग साधना केन्द्र में आयोजित दस दिवसीय योग कार्यशाला में पूरे उत्साह के साथ भागीदारी की। एमएमवी की प्राचार्य प्रो. रीता सिंह ने कार्यशाला का शुभारंभ किया। उन्होंने छात्राओं से योग को जीवन शैली के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया। प्राचार्या ने कहा कि योग छात्रों को आधुनिक दुनिया के तनाव और चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकता है।

इसके पहले मालवीय भवन के निदेशक प्रो. राजा राम शुक्ल ने प्रतिभागियों का अभिनंदन किया और उन्हें स्वास्थ्य के प्रति महामना के दृष्टिकोण के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बीएचयू के संस्थापक महामना पंडित मदन मोहन मालवीय का स्वास्थ्य के प्रति दृष्टिकोण समग्र और एकीकृत था। उनका मानना था कि स्वास्थ्य केवल बीमारी की अनुपस्थिति नहीं है, बल्कि शरीर, मन और आत्मा का सामंजस्य है। उन्होंने इस संतुलन को हासिल करने के लिए योग और आयुर्वेद के साथ-साथ आधुनिक चिकित्सा को बढ़ावा देने की वकालत की। महामना ने भी छात्रों की भलाई के लिए शारीरिक शिक्षा, स्वच्छता, पोषण और नैतिक मूल्यों के महत्व पर भी जोर दिया था। वे शिक्षा एवं संस्कृति के माध्यम से एक स्वस्थ एवं समरस समाज का निर्माण करना चाहते थे। स्टूडेंट वेल-बीइंग इनिशिएटिव की समन्वयक ने बताया कि कार्यशाला 30 नवंबर तक सुबह 7 बजे से 8 बजे तक एमएमवी लॉन में जारी रहेगी। कार्यशाला के लिए 70 छात्राओं ने नामांकन कराया है, जिसका नेतृत्व योग साधना केंद्र के विशेषज्ञ करेंगे। वे विभिन्न योग आसन, प्राणायाम, ध्यान और विश्राम तकनीक सीखेंगे।

समन्वयक ने कहा कि कार्यशाला छात्राओं के जीवन की गुणवत्ता और सकारात्मक और स्वस्थ वातावरण में सुधार के लिए एमएमवी के प्रयासों का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि कार्यशाला छात्राओं को आत्म-जागरूकता, आत्मविश्वास, आत्म-अनुशासन और आत्म-नियंत्रण विकसित करने में मदद करेगी। समन्वयक ने बताया कि कार्यशाला 30 नवंबर को समाप्त होगी। कार्यशाला का मूल्यांकन छात्राओं और प्रशिक्षकों के फीडबैक और सुझावों से भी किया जाएगा। कार्यशाला से छात्राओं को योग को अपनी दैनिक दिनचर्या के हिस्से के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करने की उम्मीद है।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/मोहित

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