नैमिषारण्य- रेल की पटरी पर टूटा एक सपना

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नैमिषारण्य- रेल की पटरी पर टूटा एक सपना


नैमिषारण्य- रेल की पटरी पर टूटा एक सपना


सीतापुर, 18 दिसम्बर (हि.स.)। गुरुवार की सुबह नैमिषारण्य रेलवे क्रॉसिंग पर जो हुआ, उसने पूरे इलाके का दिल दहला दिया। भट्ठापुरवा गांव निवासी मजदूर अंबिका प्रसाद की 17 वर्षीय बेटी सिद्या रोज़ की तरह साइकिल से स्कूल के लिए निकली थी। घर से निकलते वक्त किसी ने नहीं सोचा था कि यह सफर उसकी ज़िंदगी की सबसे भयावह सुबह बन जाएगा।

रेलवे क्रॉसिंग बंद थी। स्कूल की घंटी का डर, परीक्षा और पढ़ाई की जिम्मेदारी—इन्हीं सब के बीच सिद्या ने साइकिल नीचे से निकालने की कोशिश की। तभी अचानक बालामऊ–बुढ़वल पैसेंजर ट्रेन आ गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि सिद्या के दोनों पैर कट गए, हाथों में भी गंभीर चोटें आईं।

बुरी तरह पैर कट जाने के बावजूद वो पूरी हिम्मत के साथ बातचीत करती रही उसने तेज आवाज में एक ही रट लगा रखी थी कि मुझे बचा लो ...उसकी चीखें सुनकर लोग दौड़े। स्थानीय लोगों और रेलवे कर्मचारियों और कोतवाली पुलिस की मदद से उसे पहले सीएचसी और फिर हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल सीतापुर, वहां से लखनऊ रेफर किया गया। डॉक्टरों के मुताबिक उसकी स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई है।

--किताबों में बसता था उसका भविष्य

सिद्या नैमिषारण्य स्थित मूलचंद महतिया इंटर कॉलेज में कक्षा 11 की छात्रा थी। विद्यालय के प्रधानाचार्य हरीशचंद्र बताते हैं कि “वह पढ़ने में बहुत होशियार है। शांत, मेहनती और अपने भविष्य को लेकर बेहद गंभीर। उसका सपना था—पढ़-लिखकर अपने परिवार को गरीबी से बाहर निकालना।

--टूटती उम्मीदें, बिलखता परिवार

घर की हालत बेहद साधारण है। पिता अंबिका प्रसाद मजदूरी करते हैं। दो–तीन बीघा खेती है, जिससे किसी तरह साल गुजरता है। मां नैना देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। सिद्या की दो बहनें हैं—बड़ी रोशनी और रजनी। भाई आनंद दिल्ली में चाय की दुकान पर काम करता है।

जिस बेटी से घर की तक़दीर बदलने की उम्मीद थी, आज वही बेटी अस्पताल के बेड पर ज़िंदगी और मौत से जूझ रही है। मजदूर पिता के सामने सबसे बड़ा सवाल—पैसे कहां से आएंगे?

दिन-रात ईंट-रेत ढोकर अंबिका प्रसाद जैसे-तैसे दो वक्त की रोटी जुटा पाते थे। बेटी की पढ़ाई इसी उम्मीद में करवा रहे थे कि वह आगे चलकर घर को बेहतर हालात में ले जाएगी।

अब सवाल यह है कि लखनऊ में इलाज का खर्च कैसे उठेगा? महंगे ऑपरेशन, दवाइयां, लंबे इलाज का बोझ एक मजदूर परिवार कैसे संभालेगा?

--हादसा या लापरवाही?

घटना को लेकर इलाके में कई सवाल उठ रहे हैं। रेलवे क्रॉसिंग बंद होने के बावजूद यह हादसा कैसे हुआ? पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है। नैमिषारण्य थाना प्रभारी नवनीत मिश्रा को इस दुर्घटना की जानकारी होने पर मौके पर एम्बुलेंस व्यवस्था करवाकर तत्काल इलाज हेतु अस्पताल भिजवाया गया। कोतवाली प्रभारी ने बताया कि परिजनों से पूछताछ की जा रही है और हर एंगल से जांच जारी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / Mahesh Sharma

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