बीएचयू मालवीय भवन में महामना के आराध्य की प्रतिमा स्थापित,77 वर्षों बाद आया विग्रह

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बीएचयू मालवीय भवन में महामना के आराध्य की प्रतिमा स्थापित,77 वर्षों बाद आया विग्रह


बीएचयू मालवीय भवन में महामना के आराध्य की प्रतिमा स्थापित,77 वर्षों बाद आया विग्रह


वाराणसी, 23 नवम्बर (हि.स.)। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी (हरि प्रबोधिनी एकादशी) पर गुरूवार को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित मालवीय भवन में 77 वर्षों बाद महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के आराध्य की मूर्तिया विधिवत स्थापित की गई। कुलपति प्रो.सुधीर कुमार जैन और मालवीय भवन के मानित निदेशक प्रो.राजाराम शुक्ल ने देव विग्रह की पूजा अर्चना की।

प्रो.राजाराम शुक्ल के अनुसार महामना इसी विग्रह का नित्य प्रति पूजन अर्चन किया करते थे। उनके देहावसान के बाद परिवारजनों के साथ भगवान के विग्रह भी उनके पैतृक आवास प्रयागराज में चले गए थे। आज लगभग 77 सालों बाद उनके परिवार जनों ने इस विग्रह को मालवीय भवन को सौंपने का निर्णय किया । जिस पर बीएचयू कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हुए विग्रह के स्थापना और स्थान आदि के चयन के लिए मालवीय भवन के निदेशक प्रो. राजाराम शुक्ल को निर्देश दिए।

प्रो. शुक्ल ने मालवीय भवन के वास्तु के अनुसार विद्वानों से परामर्श के बाद मालवीय भवन के ईशान कोण के प्रकोष्ठ को एक मंदिर का स्वरूप प्रदान किया और यहीं दोनों विग्रह की स्थापना की गई। बताते चलें कि इसी प्रकोष्ठ के बगल में ही महामना की पाकशाला और शयनशाला भी है। जिसे आज भी संरक्षित किया गया है। प्रयागराज से राधा-कृष्ण के विग्रह को लाने के लिए कुलपति प्रो. जैन के निर्देश पर मालवीय भवन के सह-मानित निदेशक और वैदिक दर्शन विभाग के अध्यक्ष प्रो. श्रीकृष्ण त्रिपाठी गए थे।

विवि के कुलाधिपति और महामना के पौत्र जस्टिस गिरिधर मालवीय के निर्देश पर विग्रह को सौंपने के लिए साथ में मालवीय जी की पांचवी पीढ़ी की पुत्री अंजलि मालवीय और उनके परिवार के लोग भी आये। आज पूर्वांह में मालवीय भवन के निदेशक प्रो. शुक्ल के नेतृत्व व प्रो.त्रिपाठी के संयोजन में कुलपति प्रो. जैन ने विधि-विधान के साथ पूजन करके स्थापना की। संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के वैदिक विद्वानों ने पूजन व स्थापना का कार्य संपन्न कराया।

इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि यह हम सभी का सौभाग्य है जो आज देव उठनी एकादशी के दिन महामना के पूज्य विग्रह के दर्शन, पूजन और स्थापना का सौभाग्य मिला, यह विश्वविद्यालय के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि हम इसी तरह से देश-विदेश से महामना से जुडी हुयी स्मृतियों को विश्वविद्यालय में लाने का प्रयास करते रहेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/बृजनंदन

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