ठंड से बचाव के लिए फसलों की जड़ में करें राख का छिड़काव
लखनऊ, 28 जनवरी (हि.स.)। कड़ाके की ठंड का असर रबी की फसल पर भी पड़ने लगी है। इससे गेहूं, आलू, चना, मटर पर पड़ा है। वैज्ञानिकों की मानें तो इस मौसम में फसलों को ठंड से बचाने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि खेतों में नमी बनाये रखें। इसके अलावा यदि सब्जियों की खेती कम मात्रा में हुई हो तो उसके किनारे यदि आग जलाया जाय तो बेहतर होगा। जड़ में राख का छिड़काव भी फसल की ठंड से सुरक्षा करती है, क्योंकि राख में सल्फर होता है और सल्फर ठंड से बचाव के लिए उपयुक्त होता है।
सब्जी अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा. ए.बी. सिंह का कहना है कि ठंड के कारण बैगन, मिर्च के साथ ही टमाटर भी प्रभावित हैं। टमाटर की फसल प्रभावित है। टमाटर में यदि पानी भी लग जाय तो फल प्रभावित हो जाते हैं। इस कारण नमी बनाने के साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि खेत में पानी न लगे और फल कहीं गिली मिट्टी से न सटा रहे। टमाटर की जड़ों में यदि राख डाला जाय तो ठंड से फसल की रक्षा होगी।
उन्होंने कहा कि बैगन में कीड़ों का प्रभाव पड़ रहा है। इसके लिए नीम अर्क का छिड़काव करते रहना चाहिए। इसके साथ ही नमी बनी रहे, इसके लिए समय-समय पर खेत की सिंचाई करना जरूरी है। वहीं ठंड से मिर्च प्रभावित हो रहे हैं। इसके लिए बहुत जरूरी है कि उस पर दवाओं का छिड़काव करें। वहीं उद्यान अधिकारी डा. शैलेन्द्र दुबे का कहना है कि केले की फसल के लिए जरूरी है कि खेत में नमी के साथ ही दवाओं का हल्का छिड़काव करते रहें। जब ठंड कम हो, उसके बाद खाद का प्रयोग करे। ठंड में केले की फसल में वृद्धि रूक जाती है। इससे किसानों को घबराना नहीं चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/राजेश
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