भारतीय जीवन पद्धति में आयुर्वेद की विशेष भूमिका : अखंड प्रताप सिंह
देवरिया, 07 नवम्बर (हि.स.)। कलेक्ट्रेट सभागार में अष्टम आयुर्वेद दिवस पर जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई। इस मौके पर जिलाधिकारी ने 10 नवंबर को धनवंतरि जयंती पर अष्टम आयुर्वेद दिवस के उपलक्ष्य में 'हर दिन हर किसी के लिए आयुर्वेद' की थीम पर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि भारतीय जीवन पद्धति में आयुर्वेद की विशेष भूमिका है। घर पर बनने वाले भोजन में हल्दी, अदरक, दालचीनी, कालीमिर्च सहित विविध मसालों का प्रयोग किया जाता है, जो औषधीय गुण से भरपूर होते हैं। इसके अतिरिक्त आंवला, अर्जुन, पीपल, सहजन जैसे अनेक वृक्ष हैं, जिनका औषधीय महत्व है। लोगों को उनके आसपास मौजूद एवं उनकी दैनिक दिनचर्या में प्रयुक्त होने वाले मसालों, विभिन्न पौधों के जड़,कंदमूल, फल आदि के आयुर्वेदिक उपयोग के सम्बन्ध में जागरूक किया जाए। इससे उन्हें स्वस्थ जीवनशैली में सहायता मिलेगी।
बैठक में डीएम ने डीआईओएस को निर्देश दिया कि छात्रों को आयुर्वेद से जोड़ने के उद्देश्य से निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की जाए तथा अन्य नवाचारों के माध्यम से इसका प्रचार-प्रसार कराया जाना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी को उद्यान विभाग एवं वन विभाग के सहयोग से औषधि वाटिका विकसित करने के लिए भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 10 नवंबर को जनपद के समस्त 42 आयुर्वेदिक केंद्रों पर निःशुल्क जांच शिविर का आयोजन किया जाए। आयुर्वेद के महत्व से जुड़ी प्रदर्शनी लगवा कर आम जनमानस को जागरूक किया जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि जन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में जन भागीदारी सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। इस दृष्टि से लोगों में संतुलित जीवन शैली, उचित खान-पान, व्यायाम आदि को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
बैठक में सीएमओ डॉ राजेश झा, डीएफओ जगदीश आर, क्षेत्रीय आयूर्वेद एवं यूनानी अधिकारी डॉ विशाल चौधरी, डीएचओ राम सिंह यादव, एडीआईओएस महेंद्र कुमार मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/ज्योति
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