ग्रामीण छात्रों को विज्ञान व तकनीक की दुनिया से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगी स्पेस लैब : जिलाधिकारी
कानपुर, 18 दिसंबर (हि. स.)। उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद के विधनू ब्लॉक स्थित नगवां ग्राम पंचायत के सरकारी विद्यालय में विज्ञान शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहल आज से शुरू हुई है। व्योमिका स्पेस लखनऊ और इसरो के अंतरिक्ष उपयोगिता केंद्र (सैक), अहमदाबाद के सहयोग कानपुर की पहली ग्रामीण स्पेस लैब की स्थापना की गई है। यह जानकारी गुरूवार को जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने लैब का शुभारंभ करते हुए दी।
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने स्पेस लैब का शुभारंभ करते हुए बच्चों में वैज्ञानिक टेम्परामेंट के विकास पर जोर दिया और कहा कि इस तरह की पहल ग्रामीण छात्रों को विज्ञान और तकनीक की दुनिया से जोड़ने में निर्णायक भूमिका निभाएंगी।
जिलाधिकारी ने विद्यालय परिसर में स्थापित स्पेस लैब का निरीक्षण किया और वहां मौजूद टेलिस्कोप, यूएवी, रोबोट, चंद्रयान, मंगलयान, पीएसएलवी, जीएसएलवी, सैटेलाइट मॉडल, हाइड्रो रॉकेट और प्रज्ञान रोवर के प्रोटोटाइप देखे। उन्होंने कहा कि इन उपकरणों के माध्यम से बच्चे केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि प्रयोग और अवलोकन के जरिए विज्ञान को समझ सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्राथमिक विद्यालय स्तर पर ऐसी उन्नत लैब की स्थापना अपने-आप में एक बड़ी पहल है, और इस सराहनीय सोच को जनपद के अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाना चाहिए।
जिलाधिकारी ने बताया कि यह स्पेस लैब व्योमिका स्पेस लखनऊ के तकनीकी एवं शैक्षिक सहयोग से तथा इसरो सैक अहमदाबाद के विलेज वैज्ञानिक कार्यक्रम के अंतर्गत स्थापित की गई है। लैब में कुल 62 बड़े और छोटे विज्ञान आधारित प्रोजेक्ट्स शामिल हैं, जिनमें खगोल विज्ञान, रोबोटिक्स, ड्रोन तकनीक, रॉकेट और सैटेलाइट से जुड़े प्रयोग प्रमुख हैं। यह प्रयोगशाला नगवां के साथ-साथ पूरे विधनू ब्लॉक के विद्यार्थियों के लिए व्यावहारिक और परियोजना आधारित सीखने का केंद्र बनेगी।
लैब की स्थापना के लिए ग्राम प्रधान आशीष वाजपेयी ने अपने मुख्यमंत्री प्रोत्साहन पुरस्कार की राशि में से सात लाख रुपये उपलब्ध कराए हैं। इस पहल को ग्रामीण शिक्षा के लिए एक प्रेरक उदाहरण बताते हुए जिला प्रशासन के अधिकारियों ने इसे स्थानीय संसाधनों से संभव हुआ उल्लेखनीय शैक्षिक नवाचार बताया।
मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन ने कहा कि यह स्पेस लैब ग्रामीण क्षेत्रों में अंतरिक्ष और आधुनिक विज्ञान शिक्षा को जमीन तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसरो जैसे राष्ट्रीय संस्थान के सहयोग से बच्चों और शिक्षकों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और तकनीकी कौशल विकसित होगा, जिससे भविष्य में ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्र भी वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों में आगे बढ़ सकेंगे।
कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी ने बच्चों से संवाद किया और उन्हें जिज्ञासा, प्रयोग और निरंतर सीखने की भावना के साथ आगे बढ़ने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक सोच जीवन के हर क्षेत्र में सही निर्णय लेने और समस्याओं के समाधान में सहायक होती है। अधिकारियों ने विश्वास जताया कि यह मॉडल आने वाले समय में अन्य ग्रामीण विद्यालयों के लिए भी एक प्रभावी उदाहरण बनेगा। इस दौरान जिलाधिकारी ने जरूरतमंद लोगों को कंबल भी बांटे।
इस मौके पर सीडीपीओ रत्ना श्रीवास्तव, व्योमिका फाउंडेशन के निदेशक गोविंद यादव, उप निदेशक अरविंद सहित विभिन्न लोग मौजूद थे।
हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद

