सपा-कांग्रेस के गठबंधन से आसान नहीं होगा मुरादाबाद मंडल में 'कमल' खिलना

सपा-कांग्रेस के गठबंधन से आसान नहीं होगा मुरादाबाद मंडल में 'कमल' खिलना
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सपा-कांग्रेस के गठबंधन से आसान नहीं होगा मुरादाबाद मंडल में 'कमल' खिलना












- वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के खाते में चली गई थी मंडल की सभी 6 लोकसभा सीटें

मुरादाबाद, 23 फरवरी (हि.स.)। सपा-कांग्रेस के गठबंधन के बीच मुरादाबाद मंडल की छह लोकसभाओं में कमल खिलना इस बार भी आसान नहीं होगा। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में मुरादाबाद मंडल की छह लोकसभा सीटें सपा-बसपा गठबंधन के खाते में चली गई थी। पूरे प्रदेश में एकमात्र यही मंडल ऐसा था जहां एक सीट पर भी कमल खिलाने में भाजपा कामयाब नहीं हो पाई थी। वहीं वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मुरादाबाद मंडल में मुरादाबाद, बिजनौर, नगीना, संभल, अमरोहा, रामपुर में कमल खिला था। इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन के तहत मंडल की एक लोकसभा सीट अमरोहा कांग्रेस के खाते में गई हैं वहीं शेष 5 सीटों पर सपा की साइकिल चुनाव मैदान में दौड़ेगी।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सूबे की 80 सीटों में से मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, रामपुर, बिजनौर, नगीना, रायबरेली, घोसी, लालगंज, जौनपुर, अंबेडकर नगर, गाजीपुर, श्रावस्ती, मैनपुरी, सहारनपुर, आजमगढ़ पर भाजपा प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा था, बाद में हुए उपचुनाव में रामपुर व आजमगढ़ सीटें भाजपा के खाते में आ गई। प्रदेश की 14 सीटें अभी भाजपा से दूर हैं। इन 14 सीटों को चार समूहों में बांटकर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने लोक सभा प्रवास कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार के चार मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, डा .जितेन्द्र सिंह, अश्विनी वैष्णव और अन्नपूर्णा देवी को कमल खिलाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। राम लहर में उत्तर प्रदेश में मिशन 80 को पूरा करने के लिए मुरादाबाद मंडल की छह लोकसभा पार्टी एक-एक सीट पर गहन मंथन के बाद अंतिम रूप से प्रत्याशी प्रस्तावित करने की योजना पर काम कर रही है। मुरादाबाद मंडल की लोकसभाओं में बीते वर्ष केंद्र सरकार के मंत्री डा. जितेंद्र सिंह व अश्विनी वैष्णव कई बार प्रवास कर चुके हैं।

प्रदेश अध्यक्ष के गृह जनपद पर रहेंगी सभी की निगाहें

इस बार के लोकसभा चुनाव में वाराणासी, गोरखपुर, लखनऊ के साथ ही मुरादाबाद पर भी केंद्रीय चुनाव समिति सीधी मानीरिटरिंग करेंगी। क्योंकि मुरादाबाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व कैबिनेट मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह का गृह जनपद हैं। ऐसे में मुरादाबाद मंडल पर सभी की निगाहें रहेंगी।

वर्ष 2022 के चुनाव में सिर्फ मुरादाबाद नगर विधानसभा सीट भाजपा के खाते में आई थी

वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में मुरादाबाद जनपद की छह विधानसभा सीटों में सिर्फ एक सीट मुरादाबाद नगर विधानसभा ही भाजपा के खातें में आई थी। इस सीट पर भाजपा के रितेश कुमार गुप्ता ने समाजवादी पार्टी के हाजी यूसुफ अंसारी को मात्र 921 वोटों से हराया था। जिले की अन्य सभी 5 सीटें समाजवादी पार्टी की झोली में चली गई थी। सपा प्रत्याशियों ने मुरादाबाद देहात, ठाकुरद्वारा, कांठ, बिलारी, कुंदरकी सीट पर दर्ज की थी।

मुरादाबाद लोकसभा में सिर्फ एक बार खिला कमल

मुरादाबाद लोकसभा सीट पर 1952 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ था। इस सीट पर अब तक कुल 16 लोकसभा चुनाव हुए हैं। जिसमें भाजपा का कमल सिर्फ एक बार वर्ष 2014 में खिला था। 1952 और 1957 के लोकसभा चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रत्याशी राम सरन जीतें, 1962 में निर्दलीय उम्मीदवार सैयद मुजफ्फर हुसैन, 1967 में जनसंघ के ओम प्रकाश त्यागी, 1971 में जनसंघ में वीरेंद्र अग्रवाल, 1977 व 1980 में जनता पार्टी के गुलाम मोहम्मद खान, 1984 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के हाफिज मोहम्मद सिद्दीक, 1989 व 1991 में जनता दल से गुलाम मोहम्मद खान, 1996 समाजवादी पार्टी के डा. शफीकुर्रहमान बर्क, 1999 लोकतांत्रिक कांग्रेस से चंद्र विजय सिंह उर्फ बेबी राजा, 2004 समाजवादी पार्टी के डा. शफीकुर्रहमान बर्क, 2009 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से क्रिकेटर मो. अजहरुद्दीन, वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी से कुंवर सर्वेश कुमार सिंह, 2019 में समाजवादी पार्टी के डॉ. एसटी हसन लोकसभा चुनाव जीते।

हिन्दुस्थान समाचार/निमित जायसवाल/मोहित

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