सपा ने बदला बिजनौर लोकसभा सीट पर प्रत्याशी, दीपक सैनी को दिया टिकट

सपा ने बदला बिजनौर लोकसभा सीट पर प्रत्याशी, दीपक सैनी को दिया टिकट
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सपा ने बदला बिजनौर लोकसभा सीट पर प्रत्याशी, दीपक सैनी को दिया टिकट


- सपा के निर्णय से मुस्लिम असमंजस में, बसपा को मिल सकता है लाभ

बिजनौर,24 मार्च (हि.स.)। बिजनौर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) ने रविवार को टिकट बदलकर अब दीपक सैनी को उम्मीदवार बनाया है। इससे पहले नगीना से सांसद रह चुके यशवीर सिंह धोबी को बिजनौर लोकसभा से प्रत्याशी घोषित किया था। कई दिन से चर्चा थी कि टिकट बदला जाएगा क्योंकि यशवीर सिंह को बिजनौर लोकसभा से काफी कमजोर प्रत्याशी माना जा रहा था। वही यशवीर सिंह भी नगीना सुरक्षित लोकसभा से ही टिकट मांग रहे थे।

बिजनौर लोकसभा से शाहिद मंजूर तथा सपा की पूर्व विधायक रुचि वीरा भी इस सीट से दावेदार मानी जा रही थीं। इनमें से सपा किसी को भी टिकट देती तो इस सीट पर सपा चुनाव में मजबूत टक्कर देती। राजनीति के पंडित आश्चर्य चकित है कि सपा प्रमुख बिजनौर लोकसभा सीट पर उम्मीदवार बदलने के बाद भी आखिर मजबूत प्रत्याशी क्यों नहीं उतारना चाहते हैं। सपा द्वारा बिजनौर लोकसभा से घोषित प्रत्याशी दीपक सैनी के पिता रामौतार सैनी नूरपुर विधानसभा से सपा विधायक हैं। बिजनौर लोकसभा सीट पर सैनी मतदाताओं की संख्या कोई खास असर डालने वाली नहीं है।

बिजनौर लोकसभा सीट में कुल 17 लाख वोटर हैं, जिसमें 877000 पुरुष तथा 793000 महिला मतदाता हैं। इनमें 5.30 लाख मतदाता मुस्लिम तथा दलित, साढ़े चार लाख जाट, दो लाख गुर्जर, एक लाख ब्राह्मण तथा 60 हजार अन्य मतदाता हैं। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने गुर्जर प्रत्याशी के रूप में चंदन चौहान को उतारा है। वहीं बहुजन समाज पार्टी ने जाट प्रत्याशी विजेंद्र सिंह को टिकट देकर चुनाव को रोचक बना दिया है। ऐसे में बिजनौर सीट पर मुस्लिम मतदाता काफी भ्रम की स्थिति में है क्योंकि सपा ने मुसलमानों की पसंद को ना करते हुए सैनी प्रत्याशी उतार दिया है।

ऐसे में बिजनौर लोकसभा का मुस्लिम मतदाता शाहिद मंजूर अथवा रुचि वीरा को पसंद कर रहा था। रुचि वीरा बिजनौर लोकसभा सीट पर चुनाव को अत्यधिक रोचक बनाने की स्थिति में मानी जा रही थीं, क्योंकि मुस्लिम मतदाताओं की वह पहली पसंद थी। सपा द्वारा सैनी प्रत्याशी उतारे जाने के बाद अब इस सीट पर बसपा प्रत्याशी को मजबूत माना जा रहा है। क्योंकि मुस्लिम मतदाताओं के सामने वह दलित वोटों के साथ जाट वोटों को भी जोड़ने में सफल हो सकते हैं। वहीं बसपा प्रत्याशी विजेंद्र सिंह की और मुसलमानों का रुझान कुछ दिनों से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। इसलिए अब माना जा रहा है कि भाजपा प्रत्याशी को बसपा प्रत्याशी सीधे टक्कर देने की स्थिति में होंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/ नरेन्द्र/मोहित/राजेश

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