24 प्रतिशत मुस्लिम मतदाताओं को साधने में जुटी सपा और बसपा

24 प्रतिशत मुस्लिम मतदाताओं को साधने में जुटी सपा और बसपा
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24 प्रतिशत मुस्लिम मतदाताओं को साधने में जुटी सपा और बसपा


डुमरियागंज लोस निर्वाचन क्षेत्र में कांटे का संघर्ष मुमकिन

लखनऊ, 18 अप्रैल (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में पांचवें चरण की डुमरियागंज लोकसभा सीट पर 24 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता के जोड़तोड़ में समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार भीष्म शंकर तिवारी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार ख्वाजा शमसुद्दीन लगे हुए हैं जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार जगदम्बिका पाल केन्द्रीय योजनाओं के लाभार्थी मुस्लिम मतदाताओं को अपना मतदाता बता रहे हैं।

गोरखपुर जनपद के जाफरा बाजार से ख्वाजा शमसुद्दीन ने राजनीति की शुरुआत की और उनकी ननिहाल डुमरियागंज से बसपा ने उन्हें उम्मीदवार बनाया। मुस्लिम चेहरे को पाकर डुमरियागंज के मुस्लिम संगठनों के पदाधिकारियों ने प्रसन्नता जाहिर की। ख्वाजा शमसुद्दीन ने डुमरियागंज में प्रचार की शुरुआत में ही मुस्लिमों के लिए तमाम वायदे भी किये, जिससे मुस्लिम नौजवान हाथी पर सवार हो कर घूमने लगे।

डुमरियागंज लोकसभा सीट पर साइकिल को दौड़ाने के लिए भीष्म शंकर तिवारी को सपा ने मैदान में उतारा है। भीष्म शंकर के पिता हरिशंकर तिवारी को बड़े दबंग नेता के रूप में जाना जाता रहा है। भीष्म शंकर खुद भी दबंग छवि के नेता माने जाते हैं। क्षेत्र के मुस्लिम नेताओं से उनके पुराने संबंध भी हैं। सपा उम्मीदवार भीष्म शंकर तिवारी की मानें तो उनके लिए हिन्दू मुस्लिम चुनावी मुद्दा नहीं है। मोहल्ला, गांव तक पकड़ रखने वाला ही नेता होता है। वे मुस्लिम तबके में भी खासा पसंद किये जाते हैं।

भाजपा के सांसद जगदम्बिका पाल को एक बार फिर डुमरियागंज सीट से टिकट मिला है। जगदम्बिका पाल वहीं नेता है, जिन्होंने वर्ष 2009 से 2019 तक लगातार तीन बार लोकसभा चुनाव जीता है। इसमें 2009 में जगदम्बिका पाल कांग्रेस के टिकट पर डुमरियागंज सीट जीते थे तो वर्ष 2014 में मोदी लहर में भाजपा के टिकट से वह पुन: विजयी हुए। इसके बाद 2019 में एक बार और सांसद बने। इसके बाद फिर भाजपा ने जगदम्बिका पाल पर अपना भरोसा जताया है।

जगदम्बिका पाल की मानें तो पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में उन्हें 49 प्रतिशत मत मिले थे। इसमें मुस्लिम मतदाताओं ने भी उन्हें बढ़चढ़ कर मतदान किया था। ऐसा नहीं है कि भाजपा को मुस्लिम वोट नहीं करते। जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की योजनाओं के लाभार्थी मुस्लिम लोग हैं, वे वास्तव में भाजपा को ही मतदान करते हैं। केन्द्रीय योजनाओं के लाभार्थी ये मुस्लिम मतदाता अब मोदी का परिवार हैं।

उत्तर प्रदेश में माफियाओं पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद गोरखपुर और आसपास की सीटों पर राजनीतिक माहौल में कुछ बदलाव हुआ है। इस बदलाव के बारे में डुमरियागंज सीट के मुस्लिम व्यापारी कहते हैं कि व्यापार करने में सुविधा और सुरक्षा दोनों ही बढ़ी है। ऑनलाइन लेनदेन, माफिया एवं अपराधी पर सख्ती से व्यापारियों को सहूलियत मिली है।

डुमरियागंज लोकसभा सीट के मतदाताओं पर एक नजर डालें तो यहां पर कुल 19 लाख 50 हजार मतदाता हैं जिसमें सर्वाधिक पिछड़ा मतदाता है, जो 27 प्रतिशत के करीब है। इसके बाद मुस्लिम मतदाता 24 प्रतिशत, दलित मतदाता 18.5 प्रतिशत, ब्राह्मण मतदाता 13.5 प्रतिशत, क्षत्रिय मतदाता तीन प्रतिशत, कायस्थ छह प्रतिशत हैं जबकि बाकी में सभी वर्ग विशेष के मतदाता आते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ शरद/सियाराम

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