भूमि क्षरण सुधार में पारिस्थितिकी तंत्र पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण शुरू
प्रयागराज, 16 दिसम्बर (हि.स.)। भा.वा.अ.शि.प-पारिस्थितिक पुनर्स्थापन केन्द्र, प्रयागराज द्वारा सतत भूमि प्रबंधन उत्कृष्टता केन्द्र, देहरादून से प्रायोजित “पारिस्थितिकी तंत्र आधारित दृष्टिकोणों के माध्यम से भूमि क्षरण तटस्थता“ विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ मंगलवार को हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तुलसीदास शर्मा, वन संरक्षक, प्रयागराज ने केन्द्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम की सराहना करते हुए पारिस्थितिकी तंत्र आधारित दृष्टिकोणों के माध्यम से भूमि क्षरण सुधार हेतु एक योजना के अंतर्गत उचित वृक्ष प्रजातियों के चयन द्वारा पाैधरोपण से कृषि वानिकी को बढ़ावा देने पर बल दिया।
केन्द्र प्रमुख डॉ. संजय सिंह ने बताया कि भारत के विभिन्न पांच राज्यों यथा दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश के विभिन्न विभागों के कृषि विज्ञान केन्द्र, भूमि संरक्षण राज्य वन विभाग, कृषि विभाग, ग्रामीण आजीविका मिशन, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के प्रतिनिधि प्रतिभागियों तथा अन्य शैक्षणिक संस्थान के साथ प्रयागराज के गंगा टास्क फोर्स आदि के लगभग 25 से अधिक प्रतिभागी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सहभागिता कर रहे हैं। डॉ. सिंह ने कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पारिस्थितिकी तंत्र आधारित दृष्टिकोणों के माध्यम से भूमि क्षरण की रोकथाम हेतु विभिन्न तकनीकों पर प्रकाश डाला।
केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं कार्यक्रम समन्वयक, आलोक यादव ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत कराया। डॉ. मनीष कुमार सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक, सीओई-एसएलएम, देहरादून ने भारतीय वानिकी अनुसन्धान एवं शिक्षा परिषद, देहरादून के अंतर्गत भूमि प्रबंधन तकनीक एवं भूमि क्षरण सुधार में केन्द्र की भूमिका से अवगत कराया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम तकनीकी सत्र में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मनीष कुमार सिंह ने भूमि क्षरण सुधार की अवधारणा, संकेतक एवं वैश्विक प्रतिबद्धताएं पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। इविवि के डॉ. सुधीर कुमार सिंह एसोसिएट प्रोफेसर ने भू-दृश्य में जल संसाधन प्रबंधन पर प्रकाश डाला। डॉ. पंकज श्रीवास्तव, असिस्टेंट प्रोफेसर, पर्यावरण विज्ञान विभाग, इविवि ने भूमि के पुर्नस्थापन हेतु पारिस्थितिकी तंत्र आधारित दृष्टिकोण पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का संचालन केन्द्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं आयोजन सचिव डॉ. अनुभा श्रीवास्तव ने तथा कार्यक्रम की सह समन्वयक एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनीता तोमर ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में केन्द्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनीता तोमर, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी डॉ. सत्येन्द्र देव शुक्ला, रतन गुप्ता, धर्मेन्द्र कुमार, हरीश कुमार, अम्बुज कुमार एवं छोटू यादव आदि उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र

