सड़क मार्ग से प्रयागराज तक सुगम यात्रा का सपना होगा साकार
-महाकुम्भ के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए व्यापक तैयारियां
-सात मार्गों को केंद्र में रखकर सरकार ने यातायात के लिए तैयार कीं योजनाएं
प्रयागराज, 12 अक्टूबर (हि.स.)। प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुम्भ के भव्य आयोजन के लिए योगी सरकार द्वारा की जा रही तैयारियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं। योगी सरकार की कोशिश है कि श्रद्धालुओं को न सिर्फ महाकुम्भ का आध्यात्मिक आनंद मिले, बल्कि उनकी यात्रा भी आसान और सुविधाजनक हो। इस दिशा में राज्य सरकार ने विशेष रूप से सड़क मार्ग से प्रयागराज तक की पहुंच को सरल बनाने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं।
सड़क मार्गों के विकास से लेकर पार्किंग, डिजिटल साइन बोर्ड, शटल बसें, ई-रिक्शा, और आपातकालीन योजनाओं तक, हर पहलू पर ध्यान दिया गया है। ये सभी कदम महाकुम्भ को एक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और यादगार आयोजन बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।
प्रमुख मार्गों पर यातायात की विशेष योजना
महाकुम्भ के दौरान करोड़ों श्रद्धालुओं के देश भर से प्रयागराज पहुंचने की उम्मीद है और इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने 7 प्रमुख मार्ग चिह्नित किए हैं। इन मार्गों पर यातायात के सुगम प्रवाह के लिए विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं, ताकि श्रद्धालु बिना किसी अवरोध के कुम्भनगरी तक पहुंच सकें। जिन 7 प्रमुख मार्गों को चिन्हित किया गया है उसमें जौनपुर मार्ग से 21 फीसद, वाराणसी मार्ग से 16फीसद, मिर्जापुर मार्ग से 12फीसद, रीवां मार्ग से 18फीसद, कानपुर मार्ग से 14फीसद, लखनऊ मार्ग से 10फीसद और अयोध्या-प्रतापगढ़ मार्ग से 9फीसद श्रद्धालुओं के आवागमन की सम्भावना है। सामान्य दिनों और प्रमुख पर्वों के लिए यातायात की व्यवस्थाएं अलग होंगी। इन मार्गों पर एकल मार्ग (वन-वे) की व्यवस्था लागू की जाएगी, जिससे जाम की समस्या नहीं होगी और वाहनों का प्रवाह निर्बाध रहेगा।
पार्किंग की समग्र व्यवस्था
महाकुम्भ के दौरान श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए पार्किंग के लिए विशेष ध्यान दिया गया है। सरकार ने 101 पार्किंग स्थलों का निर्माण सुनिश्चित किया है, जिनमें 5 लाख वाहनों के खड़ा होने की क्षमता होगी। इसमें 30 पार्किंग स्थल भारी वाहनों के लिए और 71 हल्के वाहनों के लिए चिह्नित किए गए हैं। इसके साथ ही, 20 पार्किंग स्थलों को सैटेलाइट टाउन के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां श्रद्धालुओं को सभी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसके अलावा, 67 जनपदीय पार्किंग स्थल और 34 मेला पार्किंग स्थल भी बनाए जाएंगे, ताकि श्रद्धालुओं को पार्किंग के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
अंतर क्षेत्रीय आवागमन की योजना
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि महाकुम्भ मेले का विशाल क्षेत्र और वहां लाखों श्रद्धालुओं का आवागमन एक बड़ी चुनौती होती है। इसे ध्यान में रखते हुए मेला क्षेत्र को 10 जोन में विभाजित किया जाएगा और सभी जोन को 30 पान्टून पुलों के माध्यम से जोड़ा जाएगा। यह व्यवस्था इस तरह बनाई जा रही है कि श्रद्धालुओं को एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र तक पहुंचने में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही, मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं को सुगम आवागमन के लिए शटल बसें और ई-रिक्शा सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी। कुल 550 शटल बसें और 20,000 ई-रिक्शा मेले के विभिन्न हिस्सों में श्रद्धालुओं को ले जाने के लिए उपलब्ध होंगे, जिससे लोगों की यात्रा आसान हो सके।
डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल से सुविधाएं
उन्हाेंने बताया कि महाकुम्भ की एक और खास बात यह है कि इस बार सरकार ने डिजिटल तकनीक का व्यापक इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। पूरे मेला क्षेत्र में 100 डिजिटल साइनेज और 80 विजुअल मैनेज डिस्प्ले (टडक्) लगाए जाएंगे। इन डिजिटल साइनेज और डिस्प्ले बोर्ड्स के माध्यम से श्रद्धालुओं को यातायात मार्ग, मेला क्षेत्र की जानकारी, पार्किंग की स्थिति और अन्य आवश्यक सूचनाएं आसानी से प्राप्त होंगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र
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