कन्नौज: विधिक सेवा दिवस का नारा कोई न रहे न्याय से बेसहारा: लवली

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कन्नौज: विधिक सेवा दिवस का नारा कोई न रहे न्याय से बेसहारा: लवली


कन्नौज, 09 नवम्बर (हि.स.)। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कन्नौज के तत्वाधान में गुरुवार को विधिक सेवा दिवस मनाया गया।

इस अवसर पर जनपद के मुख्यालय, तहसील एवं ब्लाक स्तर पर विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में एवं सम्पूर्ण जनपद के दूरस्थ ग्रामीण अंचल में प्रत्येक व्यक्ति को उनके विधिक अधिकारों एवं जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रति जागरूक किये जाने हेतु तथा सरकार द्वारा चलायी जा रही लोक कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

इसी क्रम में सचिव लवली जायसवाल के निर्देशन में विधिक सेवा दिवस के उपलक्ष्य में कन्हैयालाल सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में आयोजित विधिक जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चीफ डिफेंस काउंसिल श्वेतांक अरुण तिवारी ने जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, पाक्सो अधिनियम की जानकारी दी। साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के गठन व प्राधिकरण द्वारा लिए गए कार्यों की जानकारी दी गयी।

असिस्टेंट डिफेंस काउंसिल शिव शंकर ने संवैधानिक अधिकारों की जानकारी दी। असिस्टेंट डिफेंस काउंसिल मो सैफ ने छात्राओं को किसी भी विपरीत परिस्थिति में 1090 व 112 नंबर पर कॉल करने की सलाह दी गयी। उन्होंने बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 9 नवंबर 1995 को लागू हुआ और तब से इस दिन को राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।

जागरूकता शिविर में विद्यालय के आचार्य ब्रजकिशोर, कृष्णकांत मिश्रा, राहुल चंदेल, अंकुश तिवारी समेत सैकड़ों विद्यार्थी व पराविधिक सेवक जगदीश मौजूद रहे।

इसी क्रम में तहसील तिर्वा में स्थित सरदार पटेल इण्टर कालेज कचाटीपुर में विधिक सेवा दिवस के उपलक्ष्य में विधिक सेवा दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में नायब तहसीलदार रत्नेश कुमार द्वारा विधिक अधिकारों के बारे में बताया गया। उन्होने कहा कि भारत के संविधान का अनुच्छेद 39 ए सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करने के प्रतिमान के बारे में बताता है। उन्होंने समान न्याय और मुक्त कानूनी सहायता की संवैधानिक दृष्टि एक ऐसे राष्ट्र के लिए अनिवार्य है, जहां लाखों लोग घोर गरीबी में जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौलिक अधिकार होने भर से कोई देश महान नहीं हो जाता। लोगों मौलिक कर्तव्य के बारे में पता होना चाहिए और उन्हें उनका पालन करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अगर उचित कानूनी सहायता दी जाए,तो एक आम आदमी सम्मानजनक जीवन जी सकता है। तथा विधिक सेवा दिवस का उदेदृश्य है कि कोई भी व्यक्ति आर्थिक कारणों से न्याय प्राप्त करने से वचिंत न हो न्याय चला निर्धन के द्वार न्याय सबके लिए के तर्ज पर कानूनी प्राधिकरण अधिनियम और वादियों के अधिकार के तहत विभिन्न प्रावधानों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। मध्यस्थ अधिवक्ता आशोक कुमार ने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए एक मजबूत न्यायपालिका का होना जरूरी है।

कार्यक्रम में तहसीलदार सदर राम शंकर, तहसीलदार तिर्वा अवनीश कुमार सिंह, तहसीलदार छिबरामऊ अभिनव कुमार वर्मा, पैनल अधिवक्ता मयंक कुमार, जगदीश यादव, अनेश कन्नौजिया, आशीष श्रीवास्तव, सीमा बानो प्रियांशु कुशवाहा उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / संजीव झा/बृजनंदन

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