ऋषि वेदव्यास की जन्मस्थली बसधरी सहित छह परियोजनाओं को मिली स्वीकृति
बांदा, 19 अप्रैल (हि.स.)। बुंदेलखंड की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों से समृद्ध भूमि बांदा अब पर्यटन मानचित्र पर और अधिक चमकेगी। जिले के छह प्रमुख धार्मिक स्थलों के विकास की योजनाओं को शासन से मंजूरी मिल गई है। इनमें ऋषि वेदव्यास की जन्मस्थली वसधरी (लसड़ा), कारू बाबा मंदिर, भादे बाबा स्थल, सिद्ध बाबा स्थान, कुरसेजा धाम और ऐतिहासिक रनगढ़ किला शामिल हैं।
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पर्यटन विभाग के अंतर्गत कुल छह परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनका उद्देश्य धार्मिक स्थलों का पर्यटन के लिहाज से विकास कर उन्हें स्थानीय एवं बाहरी पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाना है।
प्रमुख परियोजनाएं इस प्रकार हैं-कारू बाबा भगवान मंदिर, चंदौरा (ब्लॉक नरैनी), इस ऐतिहासिक मंदिर के पर्यटन विकास का प्रस्ताव सदर विधायक श्रीमती ओममणि वर्मा द्वारा राज्य सेक्टर से स्वीकृत कराया गया है।ऋषि वेदव्यास की जन्मस्थली, लसड़ा वसधरी, इस पौराणिक स्थल के विकास की जिम्मेदारी जल शक्ति राज्य मंत्री एवं तिंदवारी विधायक रामकेश निषाद ने ली है। भादे बाबा स्थल, मुड़वारा (ब्लॉक कमासिन, तहसील बबेरू)- विधान परिषद सदस्य जितेंद्र सिंह सेंगर की पहल पर यह परियोजना राज्य सेक्टर से स्वीकृत की गई है।
सिद्ध बाबा स्थान, सोहाना गांछा (ब्लॉक बड़ोखर खुर्द, तहसील सदर)-सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी द्वारा इस स्थल के पर्यटन विकास के साथ-साथ रनगढ़ किले तक जाने वाले मार्ग का उच्चीकरण और स्ट्रीट फर्नीचर की व्यवस्था भी कराई जाएगी। कुरसेजा धाम मंदिर, तिंदवारी-इस प्रसिद्ध धार्मिक स्थल का सौंदर्यीकरण एवं विकास कार्य जिला योजना के अंतर्गत कराया जा रहा है। इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन से न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। साथ ही, ये स्थल सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान को संजोने का माध्यम भी बनेंगे।
अनुपम श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि कार्यों को गुणवत्ता एवं समयबद्ध तरीके से पूरा कराने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल सिंह

