भविष्य की तैयारी है मूक कोर्स प्रशिक्षण कार्यक्रम: प्रोफेसर पूनम टंडन
गोरखपुर, 29 नवंबर (हि.स.)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के मालवीय मिशन टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर के तत्वाधान में आज से नवोन्मेषी शिक्षण एवं अधिगम नामक विषय पर एक शॉर्ट टर्म कोर्स का उद्घाटन हुआ।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुपालन में मिशन मानवीय टीचर ट्रेनिंग सतत प्रयासरत रहता है। आज विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन की अध्यक्षता में, केंद्र की निदेशक प्रोफेसर सुनीता मुर्मू के कुशल योजना एवं डॉक्टर विस्मिता पालीवाल के कुशल संयोजन में एक बहुत उपयोगी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आरंभ हुआ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए कुलपति ने कहा कि आने वाला समय मुक्त शिक्षा का है। बहुत सारे छात्र नियमित कक्षाओं में विभिन्न कारणों से नहीं आ पाते उनके लिए तकनीक आश्रित दूरस्थ कोर्सेज एक वरदान के समान है। यह तीसरे लिंग को भी आसानी से समायोजित कर लेता है। जल्द ही अपने देश में एक डिजिटल वि वि खुलने के कगार पर है। चूंकि अब हमारा वि वि कैटेगरी वन में आ चुका है अतः हम अपने पाठ्यक्रम बिना किसी बाह्य अनुमति के आसानी से खोल सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि इस कार्यक्रम से हमारे शिक्षकों को प्रभावकारी शिक्षण के लिए नए आयाम प्राप्त होंगे। शिक्षकों को पारंपरिक ढांचे से निकल कर तकनीक आश्रित शिक्षण कौशल अर्जित करने होंगे।
उद्घाटन सत्र में बीज वक्तव्य अर्थात की नोट विट्ठल सी गोले जो मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्विद्यालय के प्रो हैं और मूक कोर्स के निर्माण में सिद्धहस्त हैं ने दिया। उनके क्वालिटी गाइडलाइंस फॉर सेल्फ लर्निंग मैटेरियल पर अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। उन्होंने विस्तार से इन कोर्सेज के बारे में बताया। यू जी सी की गाइडलाइन के साथ उन्होंने विभिन्न प्रकार के ODL अर्थात ओपन डिस्टेंस लर्निंग के प्रकार और उनके निर्माण की बारीकियों को समझाया। स्वयं से पढ़ने और सीखने की प्रवृत्ति बढ़ी है। कक्षा में बैठकर शिक्षक से पढ़ने के बजाय अब छात्र ऑनलाइन लेक्चर सुनना पसंद करते हैं। अब समय आ चुका है कि शिक्षक को अपनी भूमिका में विस्तार देना होगा।
उदघाटन सत्र में उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी के प्रो जितेंद्र पांडे भी उपस्थित थे। इन्होंने उद्घाटन सत्र के पश्चात अपना विषय प्रतिभागियों के सामने रखा। इस कार्यक्रम में विश्विद्यालय एवं महाविद्यालयों के चालीस प्राध्यापक सहभाग कर रहे हैं। छह दिन चलने वाले इस कार्यक्रम में दिल्ली, उत्तराखंड, वाराणसी, गोरखपुर एवं अल्मोड़ा तक के विशेषज्ञ ओपन लर्निंग के विभिन्न आयामों पर मार्गदर्शन करेंगे। उदघाटन सत्र के ठीक पहले वनस्पति विज्ञान की सहायक आचार्य डॉ तूलिका मिश्रा ने प्रातविकी रखी जिसमें उन्होंने ओपन लर्निंग के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई और स्वागत भाषण केंद्र की निदेशक प्रो सुनीता मुर्मू ने दिया। कार्यक्रम का बड़ा ही सजीव संचालन संयोजक डॉ विस्मिता पालीवाल ने किया। उदघाटन सत्र के समापन पर प्रो गौरहरि बेहरा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में प्रो विजय चहल, प्रो गौर हरि बेहरा एवं वि वि के अन्य शिक्षकगण भी उपस्थित थे।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।