श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भवसागर से हाे जाता है पार : डा. जगदीश प्रसाद कोठारी

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श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भवसागर से हाे जाता है पार : डा. जगदीश प्रसाद कोठारी


मुरादाबाद, 01 अक्टूबर (हि.स.)। मधुरग्रीन विला रामगंगा विहार में पर चल रही श्रीमद्‌भागवत कथा के नवें व अंतिम दिन मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिषाचार्य डा. आचार्य जगदीश प्रसाद कोठारी ने सच्ची श्रद्धा से किसी भी जीव की सेवा करने वाले कभी दुख नहीं भोगते। श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है।

डॉ आचार्य जगदीश प्रसाद कोठारी ने आगे कहा कि श्रीमद्भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। आत्मा को जन्म व मृत्यु के बंधन से मुक्त कराने के लिए भक्ति मार्ग से जुड़कर सत्कर्म करना होगा।

श्रीमद्भागवत कथा का सात दिनों तक श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है, वहीं इस कथा को कराने वाले भी पुण्य के भागी होते हैं। ईश्वर किसी से भूखे पेट रह कर भक्ति करने को नहीं कहते। मन पर नियंत्रण और नाम जाप ही इस जगत में पार लगाने के लिए काफी है। कथा के समापन पर हवन पूर्णाहुति व भंडारा आयोजित हुआ।

इस मौके पर अनिल भगत, पुनीता अग्रवाल, नीरज बंसल, राकेश खन्ना, संदीप रस्तोगी, राजीव शर्मा, संजय अग्रवाल, अरविन्द गुप्ता, पीयूष अग्रवाल, अभिनव रस्तोगी, कृष्ण कपूर, जय प्रकाश, महेश अग्रवाल, शरद अग्रवाल, डा. तरुण अग्रवाल, सुदेश अग्रवाल, अरविन्द सिंघल, एक मल्होत्रा, राजीव रस्तोगी, हेमा रस्तोगी आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जयसवाल

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