भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट में शिवरात्रि पर लाखों भक्त करेंगे सृष्टि के प्रथम शिवलिंग का पूजन

भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट में शिवरात्रि पर लाखों भक्त करेंगे सृष्टि के प्रथम शिवलिंग का पूजन
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भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट में शिवरात्रि पर लाखों भक्त करेंगे सृष्टि के प्रथम शिवलिंग का पूजन


- मंदाकिनी के रामघाट पर स्थित प्राचीन शिवलिंग

चित्रकूट, 07 मार्च (हि.स.)। धर्म नगरी चित्रकूट में मन्दाकिनी नदी के रामघाट तट पर स्थित सृष्टि के प्रथम शिवलिंग स्वामी मत्यगेंद्रनाथ के जलाभिषेक और पूजन के लिए शिवरात्रि पर देश भर से लाखों श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगेगा। वहीं महाशिवरात्रि को लेकर मंदिर और जिला प्रशासन ने अभी से व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त करना शुरू कर दिया है।मान्यता है कि इस प्राचीन शिवलिंग के पूजन से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

भगवान श्री राम की तपोभूमि चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के रामघाट तट स्थित स्वामी मत्यगेंद्रनाथ (भगवान शिव) मन्दिर का प्राचीन और गौरवशाली इतिहास है। मंदिर के प्रधान पुजारी विपिन बिहारी तिवारी इस प्राचीन शिव मंदिर की महिमा का बखान करते हुए कहते हैं कि मान्यता है कि इस मंदिर में विराजमान चार शिवलिंग में से एक शिवलिंग भगवान ब्रम्हा और एक भगवान श्री राम ने स्थापित की थी।

ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना के लिए रामघाट स्थित यज्ञदेवी अखाड़ा में यज्ञ किया था। 108 कुंडीय यज्ञ से मदमस्त हाथी की तरह झूमता हुआ एक शिवलिंग प्रकट हुआ था, जिसकी स्थापना भगवान ब्रम्हा ने मत्यगेद्रनाथ के रूप में रामघाट में की थी और उनको चित्रकूट का क्षेत्रपाल नियुक्त किया था। इसीलिए जब भगवान श्री राम यहां पर वनवास काटने आए तो उन्होंने चित्रकूट निवास के लिए स्वामी मत्यगेंद्रनाथ से आज्ञा ली थी। इसके बाद श्रीराम ने खुद उस शिवलिंग के बगल में एक शिवलिंग की स्थापना की थी।

ऐसी मान्यता है कि चित्रकूट आने पर यदि किसी ने मत्यगेंद्रनाथ के दर्शन नहीं किए तो उसको कामतानाथ के दर्शन और कामदगिरि की परिक्रमा का पूर्ण लाभ नहीं मिलता है। बताया कि महाशिवरात्रि पर रामघाट स्थित राजाधिराज मत्यगेंद्रनाथ स्वामी मंदिर में धार्मिक कार्यक्रमों की धूम रहती है। भोलेनाथ की भव्य बारात निकलने के साथ-साथ चार प्रहर की महाआरती के साथ साथ रातभर पूजन अनुष्ठान का दौर चलता है। इसके बाद शाम को बजे गाजे बाजे के साथ धूमधाम से राजाधिराज की बारात रामघाट मंदिर से निकाली जाती है। वहीं रातभर मंदिर में पूजन अनुष्ठान का दौर चलता है।

भरत मंदिर के महंत दिव्य जीवन दास महाराज ने अनादि शिव लिंग की महिमा का बखान करते हुए बताया कि भगवान श्रीराम की वनवास स्थली चित्रकूट में अत्यंत प्राचीन ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थल है।

रामघाट के पास स्थित मत्यग्येंद्रनाथ जी का मंदिर भी प्राचीन है। इसमें स्थापित शिवलिंग का शिव पुराण के अष्टम खंड के दूसरे अध्याय में मत्यग्येंद्र लिंग के बारे में वर्णन है। ब्रह्मा जी ने भगवान विष्णु की आज्ञा पर चित्रकूट के पवित्र पर्वत पर यज्ञ किया था, जिसमें शिवलिंग निकला। वह शिवलिंग मंदिर में स्थापित है। यहां जलाभिषेक करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। उन्होंने बताया कि जो मनुष्य प्रातः काल मंदाकिनी में स्नान कर मत्यग्येंद्रनाथ का पूजन करता है, उसके सभी मनोरथ पूरे होते हैं। शिवरात्रि पर तो जलाभिषेक और दर्शन-पूजन के लिए देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में पहुंच जाती है।

वहीं जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार 08 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। चित्रकूट में लाखों की संख्या में शिव भक्तों के आने की संभावना के मद्देनजर मंदाकिनी के रामघाट तट पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये है। शिवरात्रि को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए मेला परिक्षेत्र में जोनल/ सेक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई है। इसके अलावा सुरक्षा की दृष्टि से पूरे रामघाट को सीसीटीवी से लैस किया गया है। वहीं पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि शिवरात्रि और अमावस्या को लेकर चित्रकूट में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए।

हिन्दुस्थान समाचार /रतन/बृजनंदन

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