समूचे ब्रज में पूरी दिव्यता के साथ मनाया जाएगा शरदोत्सव
लखनऊ, 26 अक्टूबर (हि.स.)। शरद पूर्णिमा के दिन समूचे ब्रज में प्रेम और रस भाव की दिव्यता के साथ शरदोत्सव मनाया जाएगा। सूरदास जी की तपोस्थली गोवर्धन के गांव परासौली स्थित चंद्र सरोवर पर शरद पूर्णिमा को शरदोत्सव का आयोजन किया गया है। इस आयोजन के माध्यम से द्वापरयुग की शोभा को जीवंत करने का प्रयास किया जायेगा। इस कार्यक्रम के दौरान गोपी-गीत तथा पद गायन किया जायेगा। इस आयोजन के दौरान हजारों की संख्या में दीप प्रज्वलित करके चंद्र सरोवर को जगमगाया जायेगा। यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि गोवर्धन के गांव परासौली स्थित चंद्र सरोवर पर महारास की अनूठी परंपरा है। चंद्र सरोवर के किनारे सूर कुटी ही सूरदास जी की साधना स्थली है, जहां उन्होने कालजयी पदों की रचना की थी। उन्होंने बताया कि उ0प्र0 ब्रज तीर्थ विकास परिषद मथुरा ने महारास की इस परंपरा को जीवित रखने और उसे नयापन देने के लिए पिछले कुछ वर्ष से प्रयास शुरू किया है। परासौली के चंद्र सरोवर के किनारे परिषद द्वारा तैयार कराये गये ओपन एयर थिएटर (ओएटी) में शरद पूर्णिमा को 28 अक्टूबर (शनिवार) सायं 06 बजे से रात 09 बजे तक धवल चांदनी में लगभग दो दर्जन महिला व पुरुष कलाकार महारास की प्रस्तुति देगें। इस बार शरदोत्सव पर कुछ मंदिरों मे ग्रहण के कारण यह पर्व 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
जयवीर सिंह ने बताया कि सूरदास की तपोस्थली गोवर्धन के गॉव परासौली स्थित चंद्र सरोवर पर शरद पूर्णिमा को विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करके मथुरा की गौरवशाली एवं समृद्ध परम्परा को श्रद्धालुओं के बीच प्रदर्शित की जायेगी। इसके साथ ही शरदोत्सव को जीवंत बनाकर आगन्तुकों को इसकी महत्ता एवं इसमें छिपे हुए संदेश को देने का प्रयास किया जायेगा। उ0प्र0 ब्रज तीर्थ विकास परिषद मथुरा को सभी कार्यक्रमों को पूरी दिव्यता एवं भव्यता के साथ आयोजित कराने के निर्देश दिये गए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/बृजनन्दन
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