विकसित भारत के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचार प्रासंगिक : प्रो. आलोक चक्रवाल

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विकसित भारत के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचार प्रासंगिक : प्रो. आलोक चक्रवाल


—विकसित भारत के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचार विषयक गोष्ठी में एकात्म मानववाद के सिद्धांत पर विशेष जोर

वाराणसी, 09 अक्टूबर (हि.स.)। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि विकसित भारत के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचार प्रासंगिक हैं। प्रोफेसर आलोक बुधवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय पीठ बीएचयू की ओर से आयोजित विकसित भारत के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचार विषयक संगोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद के सिद्धांत पर विशेष जोर दिया। विकसित भारत की संकल्पना के संदर्भ में प्रोफेसर चक्रवाल ने समावेशी विकास, समग्र संस्कृति और अंत्योदय की अवधारणा को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता पर बल दिया। भारतीय पौराणिक कथाओं और भक्ति परंपरा से जुड़े उदाहरणों का उल्लेख करते हुए कुलपति प्रोफैसर चक्रवाल ने भारतीय ज्ञान परंपरा और भारतीय जीवन शैली की समृद्धि को विस्तार से समझाया। उन्होंने समाज की बुराइयों को दूर करने, सहयोग और एकजुटता की आवश्यकता का खास तौर पर उल्लेख किया। गोष्ठी के समापन पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय पीठ के संयोजक प्रोफैसर तेज प्रताप सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

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