विश्व मृदा दिवस पर वैज्ञानिकों ने किसानों को किया जागरूक

विश्व मृदा दिवस पर वैज्ञानिकों ने किसानों को किया जागरूक
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विश्व मृदा दिवस पर वैज्ञानिकों ने किसानों को किया जागरूक


कानपुर, 05 दिसम्बर (हि.स.)। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अधीन संचालित दिलीप नगर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र पर मंगलवार को विश्व मृदा दिवस मनाया गया। केंद्र के मृदा वैज्ञानिक डॉक्टर खलील खान ने किसानों को संबोधित करते हुए बताया कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य किसानों के साथ-साथ आम जनमानस को मिट्टी की महत्ता के बारे में जागरूक करना है।

उन्होंने बताया कि मृदा निर्माण एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें एक इंच मिट्टी की परत के निर्माण में 500 से 2000 वर्ष लग जाते हैं। इसलिए हमारी जिम्मेदारी है कि हम मिट्टी को स्वस्थ बनाए रखें। उन्होंने बताया कि इस बार विश्व मृदा दिवस 2023 की थीम मिट्टी और पानी: जीवन का स्रोत है।

उन्होंने कहा कि आधुनिक समय में रासायनिक खादों और कीटनाशकों के लिए दवाओं के अधिकाधिक इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरा शक्ति समाप्त होती जा रही है। उन्होंने कहा कि मृदा संरक्षण पर विशेष बल दिया जाए और किसानों को एक नारा भी दिया कि स्वस्थ धरा, तो खेत हरा।

डॉ. खलील खान ने बताया कि किसान भाई अपने खेतों का मृदा परीक्षण अवश्य कराएं जिससे मृदा में उपस्थित पोषक तत्वों की सही जानकारी मिल जाती है। उन्होंने किसान भाइयों को सलाह दी कि मिट्टी परीक्षण द्वारा फसल के लिए उर्वरकों की उचित मात्रा की सिफारिश की जाती है। खादों के प्रयोग का समय तथा तरीके के बारे में पूर्ण जानकारी मिलती है। मिट्टी परीक्षण द्वारा छारीय और लवणीय भूमियों की समस्या और उनके सुधारने के बारे में भी जानकारी प्राप्त हो जाती है।

उन्होंने किसान भाईयों से अपील की कि वे अपनी मिट्टी को स्वस्थ बनाए रखने के लिए केंचुए की खाद एवं नाडेप कंपोस्ट तथा हरी खाद का प्रयोग अवश्य करें, जिससे मृदा में जीवांश कार्बन की बढ़ोतरी हो। इस अवसर पर कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी वितरित किए गए।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/दीपक/आकाश

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