एंकिलॉज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस से रीढ़ प्रभावित : डॉ पंकज गुप्ता
--एएमए में वैज्ञानिक संगोष्ठी
प्रयागराज, 31 मार्च (हि.स.)। एंकिलॉज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस एक प्रकार का गठिया है, जो मुख्य रूप से आपकी रीढ़ को प्रभावित करता है। यह अक्सर 40 साल की उम्र से पहले शुरू होता है। यह महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अधिक प्रभावित करता है। दवाएं आपके लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद कर सकती हैं। रीढ़ की हड्डी के विकार, जिन्हें कभी-कभी पीठ की समस्याओं के रूप में जाना जाता है, के कई कारण हो सकते हैं। जो काम, खेल, चोट और बीमारी से सम्बंधित हो सकते हैं।
यह बातें इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन कनवेन्शन सेंटर में शहर के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन एवं एसोसिएट प्रोफेसर न्यूरोसर्जरी विभाग मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज डॉ पंकज गुप्ता ने रीढ़ से सम्बंधित बीमारी एवं उपचार पर अपने व्याख्यान में कही। उन्होंने कहा कि कुछ सामान्य उपचार जैसे आहार में सुधार, व्यायाम, वजन नियंत्रण और धूम्रपान कम करने से पीठ की कुछ समस्याओं में मदद मिल सकती है।
एएमए अध्यक्ष डॉ कमल सिंह की अध्यक्षता में आयोजित वैज्ञानिक संगोष्ठी में उन्होने बताया कि पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना आम बात है। लगभग 10 में से 8 लोगों को पीठ दर्द होता है जो किसी विशेष स्थिति के कारण नहीं होता है। इसे ’गैर-विशिष्ट पीठ दर्द’ कहा जाता है। गैर विशिष्ट पीठ के निचले हिस्से में दर्द वाले अधिकांश लोग जल्दी ठीक हो जाते हैं। यदि आपकी पीठ का दर्द ठीक नहीं हो रहा है और यह आपके चलने-फिरने और गतिविधियों को सीमित कर रहा है।
डॉ पंकज गुप्ता ने गर्दन दर्द पर कहा कि यह एक सामान्य स्थिति है जो कई अलग-अलग कारणो से हो सकता है। अधिकांश गर्दन का दर्द कुछ ही दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। यह बहुत कम ही किसी अधिक गम्भीर बात का संकेत होता है। गर्दन दर्द अक्सर गर्दन से कंधों या पीठ के ऊपरी हिस्से तक फैलता है। यह अक्सर सिरदर्द का कारण बन सकता है। गर्दन का दर्द मांसपेशियों में जकड़न या ऐंठन के साथ भी आ सकता है। हो सकता है कि आप अपना सिर ठीक से हिलाने में भी सक्षम न हों। यदि आपकी गर्दन में चोट है, तो आपको चक्कर आना, चुभन और सुन्नता, कमजोरी, आपकी दृष्टि या श्रवण में परिवर्तन, निगलने में कठिनाई हो सकती है।
संगोष्ठी में चेयरपर्सन डॉ कपिल कुलश्रेष्ठ, डॉ प्रभात सिंह, डॉ अमित सिंह को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। एएमए के वैज्ञानिक सचिव डॉ अनुभा श्रीवास्तव ने संगोष्ठी का संचालन तथा सचिव डॉ आशुतोष गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/बृजनंदन
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