वैश्विक परिप्रेक्ष्य में विज्ञान के बिना जीवन की कल्पना कठिन : एसडीएम

वैश्विक परिप्रेक्ष्य में विज्ञान के बिना जीवन की कल्पना कठिन : एसडीएम
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वैश्विक परिप्रेक्ष्य में विज्ञान के बिना जीवन की कल्पना कठिन : एसडीएम


प्रयागराज, 05 मार्च (हि.स.)। वैश्विक परिप्रेक्ष्य में विज्ञान के बिना जीवन की कल्पना कठिन है। विज्ञान प्रदर्शनी के माध्यम से बच्चों में अन्वेषण, रचनात्मकता और समस्या समाधान का कौशल विकसित होता है।

उक्त विचार उप जिलाधिकारी करछना जागृति अवस्थी ने मंगलवार को दांदूपुर स्थित समदरिया स्कूल में आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से बच्चों के अंदर वैज्ञानिक अवधारणा तथा प्रयोग की क्षमता विकसित होती है। जो आगे चलकर शोध और सिद्धांत में तब्दील हो जाती है।

वरिष्ठ पत्रकार पीएन द्विवेदी ने बच्चों के कौशल और जिज्ञासा की सराहना करते हुए कहा कि नवीन विचारों के क्रियान्वयन में इन्हें लीक से हटकर सोचने की प्रेरणा मिलती है। डॉ. रमा सिंह ने उक्त प्रदर्शनी में रखे गए मॉडलों को प्रासंगिक बताया।

गौरतलब है कि, कक्षा 3 से लेकर 8वीं तक के लगभग 70 बाल वैज्ञानिकों द्वारा ज्ञान विज्ञान के 24 अत्याधुनिक मॉडल्स प्रदर्शित किए गए। छात्रों ने बैंड बाजे के साथ अतिथियों की अगवानी की। इस अवसर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए छात्रों को प्रमाण पत्र और शील्ड प्रदान किया गया। अतिथियों का स्वागत संस्थान के निदेशक डॉ. मणि शंकर द्विवेदी ने एवं संचालन डॉ. अम्बिका पाण्डेय व आभार ज्ञापन प्रधानाचार्या पुष्पा आनंद ने किया।

इस अवसर पर दिनेश तिवारी, प्रभात शुक्ल, राजेश शुक्ल, सुभाष तिवारी, अख्तर अब्बास, विनोद तिवारी, प्रदीप दुबे, पीके तिवारी, दिलीप मालवीय, सिद्धार्थ अर्जुन, अवैश अहमद कादम्बरी द्विवेदी, विमला कुमारी, नीतू सिंह, अनीता, कल्पना मिश्रा, विनोद यादव, नूर अहमद आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/सियाराम

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