संस्कार भारती के सात दिवसीय नृत्य प्रशिक्षण शिविर का समापन, प्रतिभागी सम्मानित
- नृत्य मानवीय अभिव्यक्तियों का एक रसमय प्रदर्शन : डॉ काव्य सौरभ जैमिनी
- नृत्य मनोरंजक होने के साथ स्व परमानंद प्राप्ति का साधन भी
मुरादाबाद, 23 मई (हि.स.)। संस्कार भारती महानगर की ओर से आयोजित सात दिवसीय नृत्य प्रशिक्षण शिविर के दूसरे बैच का समापन गुरुवार को गायत्री डान्स इंस्टीट्यूट मुरादाबाद में हुआ।
समापन समारोह में यशस्वी, कृतिका और आयशा द्वारा कत्थक की प्रभावपूर्ण प्रस्तुति हुई। गन्नू, अर्पिता, कार्तिका भव्या,चांदनी, शनाया, अनीशा, राघव, लक्षिता, अवनी, नव्या,नविका, समायरा, शुभांश आदि ने अपने बेहतरीन नृत्य से वाहवाही बटोरी। प्रणिका द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना का नृत्य भी आकर्षण का केंद्र रहा। सभी 36 प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।
संस्कार भारती के महानगर अध्यक्ष डॉ काव्य सौरभ जैमिनी ने कहा नृत्य मानवीय अभिव्यक्तियों का एक रसमय प्रदर्शन है। यह एक सार्वभौम कला है,जिसका जन्म मानव जीवन के साथ हुआ है। बालक जन्म लेते ही रोकर अपने हाथ पैर मारकर अपनी भावाभिव्यक्ति करता है कि वह भूखा है-इन्हीं आंगिक-क्रियाओं से नृत्य की उत्पत्ति हुई है। तपोनिष्ठ शिव एवं देवराज इन्द्र का नर्तक होना, हम भारतीयों के प्राचीन काल से नृत्य से जुड़ाव का संकेत है। पत्थर के समान कठोर व दृढ़ प्रतिज्ञ मानव हृदय को भी मोम सदृश पिघलाने की शक्ति इस कला में है। नृत्य मनोरंजक होने के साथ स्व परमानंद प्राप्ति का साधन भी है।
महामंत्री शलभ गुप्ता ने प्रतिभागियों को समर्पण भाव एवं एकाग्र शीलता से शिविर में भाग लेने के लिए बधाई दी। नृत्य निर्देशक सुप्रीत सिंह ने नृत्य शिविर में अनुशासन, समय प्रतिबद्धता, एकाग्रता, स्फूर्ति एवं समर्पण जैसे विषयों को अत्यंत ही रोचक तरीके से बताया। नृत्य शिविर का संयोजन एवं प्रबंधन,उदयभान सिंह एवं जूही माथुर द्वारा किया गया।
इस अवसर पर संस्कार भारती के प्रांत मंत्री राकेश जैसवाल,वरिष्ठ पत्रकार डॉ मनोज रस्तोगी, दीपक प्रकाश, सोनम माथुर, दिव्या अग्रवाल, ज्योति प्रसाद, चांदनी छाबड़ा एवं प्रशिक्षक उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/निमित/राजेश
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