सनातन ही एकमात्र धर्म, तमाम धर्मों के नाम पर फैलाया जा रहा भ्रम: अविमुक्तेश्वरानंद
![सनातन ही एकमात्र धर्म, तमाम धर्मों के नाम पर फैलाया जा रहा भ्रम: अविमुक्तेश्वरानंद](https://livevns.news/static/c1e/client/84451/downloaded/c35def724889a8cfdc61f10598300a59.jpg)
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गोरखपुर, 02 अप्रैल (हि.स.)। दुनिया में धर्म तो सिर्फ एक ही है वह है सनातन धर्म बाकी सब भ्रम है। धर्म सिर्फ एक हो सकता है। कई धर्म हो ही नहीं सकते हैं? यह सिर्फ और सिर्फ झूठ और भ्रम फैलाया जा रहा है। इस भ्रम को आप पहले अपने दिमाग से निकाल दीजिए। यदि धर्म कहना है तो सिर्फ सनातन धर्म कहिए। कई धर्म बताने वाले ही तो साजिश कर रहे हैं। इसलिए हमें इस बात के लिए स्पष्ट रहना होगा कि धर्म सिर्फ एक ही है, कई धर्म नहीं है। यह विचार गोरखपुर में मंगलवार को स्वामीश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने, श्रद्धालु जनों को संबोधित करते हुए कही।
वह गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने के चलाए जा रहे अभियान के क्रम में गोरखपुर पहुंचे थे। और लोगों से गोररक्षा के लिए आगे आने की भी अपील किए। उन्होंने कहा कि गोरखपुर तो गोरक्षा के लिए जाना जाता है। यहां से इसकी आवाज अगर पुरजोर तरीके से नहीं उठती है तो, फिर इसके नाम को बदल देने की आवश्यकता है। क्योंकि नाम के अनुरूप कार्य का होना भी बहुत जरूरी है। गोरखपीठ और यहां के लोगों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह गोरक्षा के लिए आगे आएं।
इस दौरान उन्होंने लोगों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि धर्म की शिक्षा लेने के दौरान हमें, अधर्म की शिक्षा भी लेनी पड़ेगी। क्योंकि कभी-कभी अधर्म भी धर्म का रूप लेकर शिक्षा लेने हम सबके बीच शामिल हो जाता है।इसलिए हमें भी उचित और अनुचित का ज्ञान होना चाहिए। इसलिए अधर्म और अधर्मी को भी जानने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि हमारे धर्म में सदियों से कई बदलाव होते रहे हैं। क्योंकि समय-समय पर नवीनता जरूरी है। यदि नवीनता नहीं होगी तो हम आगे की चीजों को कैसे जान पाएंगे। अन्यथा हम लकीर के फकीर ही बने रहेंगे। जैसे अन्य जगहों पर एक ही बात को बरसों से स्थापित किया गया है और लोग उसी को मानकर चलते हैं, पर हमारे सनातन में ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। जीवन में नित्य नवीनता बेहद जरूरी है। इसके लिए एक शर्त भी है कि हमें अपने जड़ों से जुड़े रहना होगा। सभी नियम सभी पर लागू नहीं होते। क्योंकि हर व्यक्ति को भगवान ने अलग-अलग तरीके से बनाया है। इसलिए उसी के अनुसार उन्हें अपने जीवन में चीजों को अपनाने की जरूरत है। सिर्फ एक बात पत्थर की लकीर की तरह लिख दी गई तो उसे ही मान कर चलना हमारा सनातन धर्म नहीं कहता। सदा साथ रहने वाला ही सनातन है। इसीलिए इस धर्म को सनातन धर्म कहा जाता है। क्योंकि हम कभी नहीं बदले हमारा मूल वही है। बस व्यवहार के स्तर पर हम नवीनता लाते रहते हैं यह बेहद जरूरी भी है।
गो संरक्षण को लेकर उन्होंने कहा कि आप लोग ही बताईये गायों की हत्याओं के दोषी भी हम सभी हैं। क्योंकि जिस तरह हम चुनावो में अपने हिसाब से बगैर सोचे समझे वोट करते हैं, उसी का परिणाम है कि हमारी संस्कृति नष्ट हो रही है। क्योंकि हम अपनी संस्कृति बचाने के लिए नहीं अपनी जाति के लिए वोट करते हैं। कभी आप जाति के लिए तो कभी धर्म या फिर आरक्षण के लिए वोट करते हैं। हमें अपनी सभ्यता संस्कृति के बचाव के लिए वोट करना होगा, अन्यथा यह सत्ता लोलुप लोग अपने हिसाब से सब कुछ चलाते रहेंगे। और आपका और आपके संस्कृति का कोई भला होने वाला नहीं। 1966 में भी हमारे द्वारा चुनी गई सरकार ने हीं गाय को राष्ट्र माता के किए जा रहे आन्दोलनकारियों पर गोलियां चलवाई थी। कोई बाहर से जनरल डायर नहीं आया था। यहीं की हमारे द्वार चुनी हुई सरकार ने हम सभी पर गोलियां चलाई थीं। क्योंकि जो भक्त गौ संरक्षण के लिए वहां संघर्ष की लड़ाई हेतु इकट्ठा हुए थे उन पर चुनी हुई सरकार ने हीं गोली बरसाने का कार्य किया था। यानी हम जिन भी सरकारों को अभी तक चुनते आ रहे हैं, वह सरकार हमारी नहीं है। यदि हमारी सरकार होती तो हमारी बातें जरूर सुनती। अब तो अनशन, प्रदर्शन, विरोध यह सारी चीज़ें बंद हो चुकी है। आप अपनी बातें सरकार तक कैसे पहुंचाएंगे। क्योंकि सरकार अब हमें बोलने भी नहीं देती। इसलिए यह मान लीजिए कि आज भी हमारी सरकार नहीं है, क्योंकि हमारी सरकार होती तो हमारी बातों को जरूर सुनती।
इस दौरान उन्होंने लोगों से प्रश्न किया कि क्या आप अपने शहर को इस नाम से जानना चाहते हैं, यदि हां तो गोरखपुर को गोरखपुर ही रहने दीजिए। गोरक्षा के लिए गोरखपुर के लोगों को आगे आना होगा। यदि आप नाम के अनुरूप अपना काम नहीं कर पाए तो आपको अपना नाम बदल लेना चाहिए। मैं गोरखपुर आया हूं गाय सुरक्षा की मुहिम चला रहा हूं। इसलिए गोरखनाथ मंदिर भी जाऊंगा। इस बार ऐसे कैंडिडेट को जिताइए जो गौ हत्या संरक्षण की बात कहकर सामने आए। क्योंकि गौ हत्यारी पार्टियों का समर्थन करने पर आपको को भी गौहत्या का पाप लगेगा ही।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रिन्स पाण्डेय/बृजनंदन
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