सनातन धर्म सभी धर्मों का मूल, दूसरे धर्मों का भी सम्मान : विश्वात्मानंद सरस्वती

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सनातन धर्म सभी धर्मों का मूल, दूसरे धर्मों का भी सम्मान : विश्वात्मानंद सरस्वती


सनातन धर्म सभी धर्मों का मूल, दूसरे धर्मों का भी सम्मान : विश्वात्मानंद सरस्वती


सनातन धर्म सभी धर्मों का मूल, दूसरे धर्मों का भी सम्मान : विश्वात्मानंद सरस्वती


जौनपुर , 04 नवम्बर (हि.स.)। मां शीतला धाम चौकियां में आयोजित दो दिवसीय देव दीपावली महोत्सव के अवसर पर जौनपुर पहुंचे अटल अखाड़ा जम्मू कश्मीर के पीठाधीश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती महाराज ने मंगलवार को सनातन धर्म को सभी धर्मों का मूल बताया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म एक चींटी को भी मारने की इजाजत नहीं देता और सभी जीवों से प्रेम करना सिखाता है।

स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती ने पत्रकारों से सनातन धर्म की प्राचीनता पर जोर देते हुए कहा कि यह सभी धर्मों की जननी है। उन्होंने बताया कि सनातन धर्म किसी को भी लालच या डर से धर्म परिवर्तन करने की अनुमति नहीं देता। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत में आज भी कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने भले ही दूसरा धर्म अपना लिया हो, लेकिन वे अपने नाम के आगे अपनी जाति का शीर्षक वही लगाते हैं। रामभद्राचार्य द्वारा हिंदू राष्ट्र बनाने, हिंदू संख्या 80 प्रतिशत करने और 470 सीटें होने पर ही हिंदू राष्ट्र बनाने संबंधी बयानों पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्हाेंने इसे कुछ लोगों की सियासी बात करार दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए, क्योंकि सनातन धर्म दूसरे धर्मों का भी सम्मान करना सिखाता है।

हिन्दुस्थान समाचार / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव

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