लोकसभा चुनाव : रशीद मसूद के इर्द-गिर्द घूमती थी सहारनपुर की सियासत
मेरठ, 22 मार्च (हि.स.)। एक समय था जब पूर्व केंद्रीय मंत्री रशीद मसूद के इर्द-गिर्द ही सहारनपुर जनपद की सियासत घूमती थी। रशीद मसूद के संरक्षण में राजनीति का ककहरा सीखने वाले कई नेता आज सहारनपुर की सियासत में छाए हुए हैं। उनके भतीजे इमरान मसूद कांग्रेस-सपा गठबंधन से सहारनपुर से टिकट के दावेदार हैं।
सहारनपुर की राजनीति में रशीद मसूद का नाम नया नहीं है। वे सहारनपुर लोकसभा सीट से नौ बार चुनाव लड़कर पांच बार संसद में पहुंचे। इसके साथ ही तीन बार राज्यसभा के भी सदस्य बने। रशीद मसूद का जन्म 15 अगस्त 1947 में गंगोह में हुआ था। विरासत में राजनीति पाने वाले रशीद मसूद के पिता काजी मसूद भी विधायक रहे।
पांच बार लोकसभा के सदस्य चुने गए
रशीद मसूद ने 1974 में नकुल विधानसभा सीट से पहला चुनाव लड़ा। 1977 में जनता के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीतकर पहली बार वे संसद में पहुंचे। इसके बाद वे सहारनपुर लोकसभा सीट का पर्याय बन गए। एक के बाद एक नौ बार सहारनपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा और पांच बार लोकसभा में पहुंचे। 1980 में लोकदल के टिकट पर, 1989 में जनता दल के टिकट पर, 1991 में जनता दल के टिकट पर और 2004 में सपा उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव जीता। उन्होंने 1990 में वीपी सिंह के नेतृत्व में बनी जनता दल सरकार में वे स्वास्थ्य राज्य मंत्री बने। 1985, 2009 और 2012 में उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया गया। 2007 में रशीद मसूद ने संयुक्त राष्ट्रीय प्रगतिशील गठबंधन से उप राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा।
परिवार के लिए छोड़ी विरासत
रशीद मसूद के जीवित रहते ही उनका परिवार सियासत में आ गया। उनके भतीजे इमरान मसूद की गिनती चर्चित नेताओं में होती है। राजनीतिक विरासत को लेकर इमरान की अपने चाचा रशीद मसूद से ठन गई थी। 2014 में इमरान मसूद ने कांग्रेस उम्मीदवार तो रशीद मसूद के बेटे शाजान मसूद ने सपा उम्मीदवार के रूप में सहारनपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों को हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद दोनों परिवार मिल गए तो शाजाद मसूद ने राजनीति से दूरी बना ली। 2019 में इमरान कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। अब फिर से इमरान मसूद सहारनपुर से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं तो शाजाद मसूद के बेटे नौमान मसूद इस समय गंगोह की राजनीति में संघर्ष कर रहे हैं।
संजय गर्ग को मिला राजनीतिक वरदहस्त
रशीद मसूद का 2020 में कोरोना से निधन हो गया था। रशीद मसूद का राजनीतिक संरक्षण सहारनपुर सदर सीट से कई बार विधायक रहे संजय गर्ग को मिला। रशीद मसूद के सहयोग से संजय गर्ग कई बार विधायक बने और प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे। संजय गर्ग इस समय भाजपा में शामिल हो गए हैं और सहारनपुर से लोकसभा टिकट के प्रबल दावेदार हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. कुलदीप/सियाराम
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