सभी चुनाव एक साथ होने से भारत की आर्थिक स्थिरता और विकास में वृद्धि : डॉ अशोक बाजपेयी



हरदोई, 22 अप्रैल (हि.स.)। रसखान प्रेक्षागृह में मंगलवार को एक राष्ट्र एक चुनाव विषय पर मुख्य अतिथि पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ अशोक बाजपेई एवं लोकसभा सांसद जय प्रकाश रावत की अध्यक्षता में प्रबुद्ध समागम कार्यक्रम हुआ। अशोक बाजपेई ने कहा कि देश में होने वाले सभी चुनाव एक साथ होने से भारत की आर्थिक स्थिरता और विकास में वृद्धि होगी, जिससे व्यवसाय प्रतिकूल नीतिगत परिवर्तनों के भय के बिना निर्णय लेने में सक्षम होंगे और सशक्त भारत विकसित भारत बनाने के संकल्प को साकार कर सकेंगे।
पूर्व राज्यसभा सांसद ने एक साथ चुनाव कराने के अनेक लाभकारी बिंदुओं पर बुद्धिजीवी वर्ग से चर्चा की। कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव से मतदाताओं के लिए सुविधा और आसानी सुनिश्चित होती है। मतदाता थकान से बचते हैं, तथा मतदान प्रतिशत में वृद्धि होती है। एक राष्ट्र एक चुनाव से नीतियों में अधिक निश्चितता आएगी। बार-बार चुनाव होने से अनिश्चितता का माहौल बनता है और इससे नीतिगत निर्णय प्रभावित होते हैं।
कार्यक्रम में लोकसभा सांसद जय प्रकाश ने एक राष्ट्र एक चुनाव पर देश भर में चल रहे मंथन पर कहा कि यह विषय कोई नया नहीं है। भारत में इससे पहले कांग्रेस शासनकाल में एक राष्ट्र एक चुनाव की परिपाटी चलती चली आ रही थी। पर कांग्रेस के सत्ता की चाहत ने संविधान के ऐसे नियमों को ताक पर रख दिया जो उसकी सत्ता को चुनौती दे सके। भारत की भावी पीढ़ी के सुनहरे भविष्य के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने एक देश एक चुनाव पर विमर्श खड़ा किया। उनका मानना है कि समय के साथ सबको बदलना चाहिए। मौजूदा समय भारत की आर्थिक प्रगति की यात्रा का है। भारत विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है, भारत को सशक्त बनाना है तो पहला एक राष्ट्र एक चुनाव इसका आधार है।
कहा कि पीएम मोदी ने इसके लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली एक उच्च-स्तरीय समिति को बनाया। और इस विषय पर देश से लेकर समाज के हर वर्ग के विचारों को संकलित करना है। पूर्व राष्ट्रपति ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है, जिसमें लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का प्रस्ताव है। पिछले साल सितम्बर में गठित पैनल ने अन्य देशों की चुनावी प्रक्रियाओं का अध्ययन किया है। साथ ही 39 राजनीतिक दलों, अर्थशास्त्रियों और भारत के चुनाव आयोग से परामर्श भी किया है। इस बाबत करीब 18,000 पन्नों की रिपोर्ट पेश की है।
लोकसभा सांसद ने रिपोर्ट के प्रमुख बिंदुओं को साझा करते हुए कहा कि एक साथ चुनाव की प्रक्रिया का पहला लाभ ये होगा कि पूरे देश की एक मतदाता सूची बनेगी। जिससे फर्जी वोट डालने की व्यवस्था खत्म होगी। जिससे चुनाव आयोग व अन्य सरकारी कार्यों में सुगमता आएगी। कहा कि इस प्रस्ताव के कई फायदे हैं जो सरकार के राजकीय कोष में कमी लाएगी, शासन में स्थिरता, मतदाता भागीदारी में वृद्धि, संसाधनों का कुशल उपयोग, नीतियों में स्थिरता, राष्ट्रीय ध्यान केंद्रित करना, सार्वजनिक जीवन में कम व्यवधान, काले धन पर अंकुश, विकास चक्र में समानता, प्रशासनिक भार में कमी, आदर्श आचार संहिता में स्थिरता, दीर्घकालिक दृष्टिकोण को प्रोत्साहन, चुनाव प्रबंधन में सरलता, मतदाता जागरूकता में वृद्धि, संघवाद को मजबूत करना, निवेशक विश्वास में वृद्धि, लोकतांत्रिक जवाबदेही को मजबूत करना, प्रशासनिक नौकरशाही का राजनीति से कम संबंध, जाति, समुदाय और धार्मिक ध्रुवीकरण में कमी, चुनावी तैयारी में सुधार, सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों में व्यवधान को कम करना, राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना, चुनाव अभियानों को सरल बनाना, कानून और व्यवस्था प्रबंधन में सुधार, ईवीएम और वीवीपीएटी का बेहतर उपयोग, केंद्र और राज्य नीतियों के बीच बेहतर समन्वय तथा न्यायिक निरीक्षण को सरल बनाना है।
वरिष्ठ भाजपा नेता इन्द्रेश्वर नाथ गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त कर कार्यक्रम का समापन किया। संचालन पूर्व जिलाध्यक्ष राम बहादुर सिंह ने किया। इस अवसर पर पूर्व जिलाध्यक्ष राजीव रंजन मिश्र, श्रीकृष्ण शास्त्री, रामकिशोर गुप्ता गुड्डू, जिला उपाध्यक्ष संदीप सिंह, संजय सिंह, प्रीतेश दीक्षित, सिद्ध प्रताप मौर्या, जिला महामंत्री सत्येंद्र राजपूत जिला मंत्री अविनाश पांडे, जिला मीडिया प्रभारी गांगेश पाठक, सह मीडिया प्रभारी परेश गुप्ता, युवा मोर्चा अध्यक्ष आकाश सिंह, महिला मोर्चा अध्यक्ष अलका गुप्ता, सोशल मीडिया प्रमुख प्रद्युम्न मिश्रा, किसान मोर्चा अध्यक्ष विश्वराज सिंह, डॉ सुरेश अग्निहोत्री, प्रोफेसर बी डी शुक्ला, सुभाष पांडे, कार्यसमिति सदस्य पारुल दीक्षित आदि मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / अंबरीश कुमार सक्सेना