युद्ध से दुखी रूसी महिला ने मां सिद्धिदात्री की भक्ति के लिए मंत्र दीक्षा ली, शांति की कामना की
- पांच दिन तक वाग्योग चेतना पीठम में एकांत साधना की, अनुभूति के आधार पर मां के शरण में
वाराणसी, 07 फरवरी (हि.स.)। रूस और युक्रेन के बीच युद्ध से वहां के नागरिक भी दुखी हैं। युद्ध में अपनों की मौत उन्हें अशांत बना रही है। ऐसे में शान्ति की तलाश में रूसी नागरिक भारत की ओर रुख कर रहे हैं। रूस के मॉस्को शहर की इन्गा बारादोश ने बुधवार को शिवाला स्थित वाग्योग चेतना पीठम में मां सिद्धिदात्री की भक्ति के लिए मंत्र दीक्षा ली। सनातन धर्म से प्रभावित इन्गा दीक्षा लेने के बाद इन्गानंदमई मां बन गईं। उन्होंने रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की शांति के लिए विशेष रूप से रुद्राभिषेक भी कराया। भगवान से दोनों देशों के बीच शांति की कामना की।
महामहोपाध्याय प्रो. भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी की पहल पर स्थापित पीठम में वैदिक मंत्रोच्चार और अनुष्ठान के बीच पं.आशापति शास्त्री के आचार्यत्व में पं सत्यम शास्त्री, पंडित शिवप्रसाद शास्त्री तथा गंगा प्रसाद शास्त्री ने मंत्र दीक्षा दी। इन्गा बारादोश ने पत्रकारों को बताया कि परमात्मा की शरण में जाने और उच्च साधना के लिए मैने दीक्षा ली है। वह अपने देश रूस और यूक्रेन युद्ध से काफी दुखी हैं और देश में शांति के लिए वे माता सिद्धिदात्री से प्रार्थना करेंगी। पीठम से जुड़े आचार्यो के अनुसार रूसी महिला इन्गा गुरुदेव वागीश शास्त्री के सानिध्य में वर्ष जनवरी 2012 में यहां आईं थी और कुंडलिनी ध्यान को जाना था लेकिन समयाभाव के कारण वह अपनी साधना पूरा करने के पहले ही लौट गई। इस वर्ष पीठम में आने पर मन्त्र दीक्षा लेने की इच्छा जाहिर की। पांच दिन की साधना एकांत में करने के बाद अनुभूतियों के आधार पर रूसी महिला ने माता सिद्धिदात्री की दीक्षा ली।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर/प्रभात
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