गुरुपूर्णिमा पर स्वयंसेवकों ने भगवाध्वज का किया पूजन

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गुरुपूर्णिमा पर स्वयंसेवकों ने भगवाध्वज का किया पूजन


-संघ की शाखाओं पर मनाया गया गुरु पूर्णिमा उत्सव

लखनऊ, 03 जुलाई (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) की ओर से शाखाओं पर सोमवार को धूम-धाम से गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाया गया। इस मौके पर स्वयंसेवकों ने परम पवित्र भगवाध्वज को फूल, रोली एवं अच्छत से पूजन-अर्चन कर देश की समृद्धि और खुशहाली की कामना की।

उल्लेखनीय है कि इस बार उत्तर प्रदेश में नगर स्तर पर गुरुपूर्णिमा उत्सव मनाया जा रहा है। राजधानी लखनऊ में 40 से अधिक स्थानों पर गुरू पूर्णिमा के उत्सव आयोजित हुए।

आरएसएस ने भगवाध्वज को ही माना है गुरु

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने किसी व्यक्तिविशेष को गुरुस्थान पर न रखकर परम पवित्र भगवा ध्वज को ही अपना गुरु माना है। व्यक्ति कितना भी श्रेष्ठ क्यों न हो, उसमें विकार आ सकते हैं। यह सब सोच-विचार कर संघ संस्थापक डा. केशव बलिराम हेडगेवार ने किसी व्यक्ति को संघ का गुरू नहीं बनाया। डा. हेडगेवार ने स्वयं कहा था कि जिस ध्वज को देखते ही हमारे राष्ट्र का सम्पूर्ण इतिहास, संस्कृति एवम् परम्परा हमारी आँखों के सामने खडे हो जाते हैं, जिसे देखते ही हमारे ह्दय की भावनायें उमड पड़ती हैं तथा ह्दय में एक विशिष्ट स्फूर्ति का संचार हो जाता है, ऐसे भगवाध्वज को हम अपना गुरु मानते हैं।

समर्पण निधि से ही चलता है संघ का सारा खर्च

संघ के प्रमुख छह उत्सवों में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है। पूरा हिन्दू समाज गुरु पूर्णिमा के दिन अपने-अपने गुरु की पूजा करता है तो संघ के स्वयंसेवक आद्य सरसंघचालक द्वारा स्थापित चिर स्थाई परम्परा को आगे बढ़ाते हुए त्याग-तपस्या और बलिदान के प्रतीक परम पवित्र भगवाध्वज को गुरु के रूप में पूजा अर्चना करते हैं और उनके सम्मुख अपनी श्रद्धा निधि समर्पित करते हैं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अवध प्रान्त के प्रान्त बौद्धिक प्रमुख ने बताया कि गुरु पूजा के द्वारा व्यक्ति में त्याग एवं समर्पण का भाव निर्माण होता है। स्वयंसेवक व्यक्तिसह प्रतिवर्ष भगवाध्वज के समक्ष समर्पण राशि अर्पित करते हैं। संघ के स्वयंसेवक जो समर्पण निधि भगवाध्वज के सम्मुख अर्पित करते हैं, उसी से संघ का खर्च चलता है।

हिन्दुस्थान समाचार/बृजनन्दन/राजेश

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