आंवले का वृक्ष पवित्रता एवं आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक : कृष्ण मोहन
--आरएसएस के काशी प्रांत पर्यावरण संरक्षण पर कार्यक्रम
प्रयागराज, 19 नवम्बर (हि.स.)। आँवला का आध्यात्मिक महत्व बहुत पुराना है। आंवले का पेड़ हिन्दू पौराणिक कथाओं और परम्पराओं में एक विशेष स्थान रखता है। इसे पवित्र माना जाता है, यह भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी जैसी दिव्य रूप से जुड़ा है। जो दीर्घायु, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक है। यह पूजनीय वृक्ष पवित्रता और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है।
यह बातें काशी प्रांत के प्रांत संयोजक कृष्ण मोहन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के काशी प्रांत पर्यावरण संरक्षण पर रविवार को अक्षय नवमी 21 नवम्बर के उपलक्ष्य में कैलाश आश्रम झूंसी में आंवला पूजन कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि आंवला फल स्वयं अपने औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है। भगवान शिव जी के शिखाओं में माँ गंगा और चंद्रमां का निवास है, जो हमें प्रेरणा देते रहते हैं कि हम जल को प्रदूषित और दुरुपयोग न करें।
इस अवसर पर कैलाश धाम के संत श्रीकृष्णानंद महाराज की उपस्थिति में पूरे विधि विधान से आंवला पूजन का कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम में सह शैक्षिक संस्था प्रमुख काशी प्रांत डॉ अमित पाण्डेय, आशुतोष त्रिपाठी, पर्यावरण संयोजक झूंसी, राजीव सौरभ, आयुष एवं नारी शक्ति में रेनू देवी पाण्डेय, श्रेया पाण्डेय ने आंवले के वृक्ष का पूजन एवं पुष्पांजलि अर्पित किया।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/आकाश
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