कंकड़खेड़ा मामले में बड़े अफसरों की भूमिका उजागर: अमिताभ ठाकुर

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कंकड़खेड़ा मामले में बड़े अफसरों की भूमिका उजागर: अमिताभ ठाकुर


मेरठ, 08 नवम्बर (हि.स.)। आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने कहा कि कंकरखेड़ा के 1500 बीघा सरकारी जमीन के 1500 करोड़ रुपए के भूमि घोटाले में मेरठ के तमाम अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। उन्होंने कुछ दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि 22 दिसंबर 2022 को कंकरखेड़ा थाने पर गलत कागजात बनाकर सरकारी भूमि को बेचने के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई। उनका आरोप है कि इसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं।

आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर बुधवार को मेरठ पहुंचे। वे सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता करना चाहते थे, लेकिन धारा 144 लगी होने का हवाला देकर उन्हें सर्किट हाउस में हॉल या किसी कमरे में नहीं बैठने दिया गया। सर्किट हाउस में सीढ़ियों पर बैठकर उन्होंने पत्रकार वार्ता की। अमिताभ ठाकुर ने आरोप लगाया कि कंकरखेड़ा में हुए भूमि घोटाले में वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है।

एफआईआर कंप्यूटर में दर्ज होने के बाद उसे सीसीटीएनएस सिस्टम से डिलीट कराया गया और सुबह तीन बजकर 12 मिनट पर दर्शाते हुए उसी एफआईआर नंबर 946/2022 पर एक दूसरा एफआईआर दर्ज किया गया। पूरे सिस्टम को अपने निजी लाभ के लिए मिसयूज किया गया। उन्होंने कहा कि इस मामले में एलआईयू से जुड़े रहे देवेंद्र सिंह को अफसरों ने गलत इस्तेमाल किया। इसके बाद उन्हें नौकरी से निकलवाया गया। अब देवेंद्र सिंह की जान को खतरा है। उन्हें सुरक्षा दी जाए।

देवेंद्र सिंह ने तत्कालीन आईजी के कहने पर गुलवीर सिंह नामक व्यक्ति से एक प्रार्थना पत्र प्राप्त किया, जिस पर सीओ को जांच दी गई। उसी बयान पर पहली एफआईआर दर्ज हुई। बाद में अधिकारियों ने देवेंद्र सिंह को ही फंसा दिया।

अमिताभ ठाकुर ने कहा कि कानूनन एक एफआईआर नंबर पर दो अलग-अलग प्रकार के प्रार्थना पत्र नहीं हो सकते हैं, किंतु इस मामले में ऐसा हुआ, जो संभवत: पूरे हिंदुस्तान में इस प्रकार का अकेला नमूना है। पुलिस विभाग के सीसीटीएनएस कंप्यूटर सिस्टम के साथ खिलवाड़ है। इस अवसर पर इंतखाब अहमद, सुरेश चंद्र शर्मा, नरेश चंद्र त्यागी, शकील अहमद कुशल पाल सिंह पुंडीर आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/कुलदीप/सियाराम

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