वाराणसी में रोडवेज का क्लर्क पचास हजार रूपए रिश्वत लेते पकड़ाया
—हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी ज्वाइनिंग के लिए रिश्वत मांग रहा था
वाराणसी, 22 अगस्त (हि.स.)। रोडवेज बस स्टैंड से एंटी करप्शन की टीम ने गुरूवार को 50 हजार रुपए रिश्वत लेते एक बाबू को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। टीम आरोपी बाबू रियाजुद्दीन को पकड़ कर सिगरा थाने ले गई और उसे पुलिस को सौंप दिया।
एंटी करप्शन के अफसरों के अनुसार पीड़ित मिर्जापुर जनपद निवासी रमेश कुमार मिश्रा ने विभाग में लिखित शिकायत किया कि वह परिवहन विभाग में वर्ष 2017 से संविदा पर चालक के रूप में कार्यरत है। उसकी पोस्टिंग चंदौली डिपो में हुईं थी। चुनावी ड्यूटी के दौरान वाहन क्षतिग्रस्त होने पर एआरएम ने बिंदनगर डिपो में उसका तबादला कर दिया। मैने अपने ट्रांसफर को लेकर एआरएम से मुलाकात की। राहत न मिलने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिट याचिका दाखिल की। उच्च न्यायालय ने मुझे चंदौली डिपो में ही ज्वाइनिंग का आदेश दिया।
इस सम्बंध में क्लर्क रियाजुद्दीन ने उसे चंदौली डिपो में ज्वाइनिंग के लिए 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। शिकायत पर टीम ने जांच की तो आरोप सही निकला। इसके बाद टीम ने आज पीड़ित रमेश को 50 हजार रुपए देकर रियाजुद्दीन के पास मिलने भेजा। टीम के अधिकारी वहां आस-पास मौजूद रहे। जैसे ही रियाजुद्दीन ने रूपया अपने हाथ में पकड़ा टीम ने उसे पकड़ लिया। जब उसका हाथ धुलाया गया तो वह लाल हो गया। फिलहाल बाबू के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही कर उसे जेल भेजा जाएगा। आरोपी क्लर्क ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ये हमारे टेबल का प्रकरण नहीं है। मैं छोटा कर्माचारी हूं। मैंने बस आरएम साहब के निर्देशों का पालन किया है।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी / विद्याकांत मिश्र
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