पानी की बर्बादी ना करें, उसकी महत्ता समझें: राज्यपाल
लखनऊ, 23 अगस्त (हि.स.)। राजभवन में शुक्रवार को नगर विकास विभाग की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। इस दौरान राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के समक्ष नगर निगम के क्षेत्र में आने वाले राज्य विश्वविद्यालयों पर नगर विकास विभाग ने गृह कर, जल कर, सीवर कर से संबंधित अधिनियमों पर चर्चा की। नगर विकास विभाग के वैधानिक प्रावधानों तथा नगर निगम कारपोरेशन प्रॉपर्टी टैक्स नियम आदि पर बातचीत हुई। इसके अलावा विभिन्न राज्यों के संबंधित वैधानिक प्रावधानों पर भी चर्चा की गयी
राज्यपाल ने कहा कि जल कर, सीवर कर, गृह कर आदि के संबंध में नगर विकास विभाग के नियमों को अद्यतन व संशोधित किया जाए। उन्होंने ऊर्जा एवं जल संरक्षण की आवश्यकता बताते हुए कहा कि पानी की बर्बादी ना करें, उसकी महत्ता समझें।
उन्होंने नगर विकास विभाग द्वारा राज्य विश्वविद्यालयों पर कर निर्धारण के संबंध में विभिन्न राज्यों के संशोधित नियमों का अध्ययन करने के लिए निर्देश दिए। नगर विकास विभाग के विश्वविद्यालय पर लगाए गए करो की समीक्षा करते हुए कहा कि मानक के अनुसार टैक्स लगाया जाए। इस संदर्भ में विश्वविद्यालय एवं नगर विकास के पदाधिकारी के सामंजस्य से एक सेल बनाए जो युक्ति संगत करों का आकलन कर सके।
उन्होंने कहा कि नवनिर्मित विश्वविद्यालय के बारे में भी सोचा जाए तथा चुनाव दौरान व शासकीय कार्यों के लिए विश्वविद्यालय के भवनों व परिसर के इस्तेमाल के बाद उसे सही तरीके से मरम्मत करा कर तब विश्वविद्यालय को सौंपा जाए।
इस अवसर पर प्रदेश के नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि नगर विकास द्वारा आरोपित कर के संदर्भ में विभिन्न राज्यों के नियमों का अध्ययन किया जाए व कर लगाने के पीछे युक्ति संगत कारण होना चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार / दीपक वरुण / बृजनंदन यादव
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