यूपी बोर्ड : मूल्यांकन की जिम्मेदारी अब स्टैटिक मजिस्ट्रेट के हवाले

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--उपप्रधान परीक्षक को मूल्यांकन के लिए उत्तर पुस्तिकाएं देने की जिम्मेदारी

--सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में होगा मूल्यांकन, कन्ट्रोल रूम से रहेगी तीसरी आंख की नजर

--परीक्षकों को साथ में मोबाइल ले जाने पर रोक

--18 मार्च से 258 केंद्रों पर होगा मूल्यांकन, 1.40 लाख से अधिक परीक्षक जांचेगे उत्तर पुस्तिका

प्रयागराज, 15 मार्च (हि.स.)। यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल एवं इंटर परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुचितापूर्ण तरीके से कराने के लिए कमर कस ली है। मूल्यांकन केंद्रों के आसपास धारा 144 लागू रहेगी। परीक्षा केंद्रों की तरह अब मूल्यांकन केंद्रों की जिम्मेदारी भी स्टैटिक मजिस्ट्रेट को सौंपी गई है। इसके लिए शासनादेश जारी कर दिया गया है।

यूपी बोर्ड के सचिव दिव्य कान्त शुक्ल ने बताया कि मूल्यांकन केन्द्र पर तैनान स्टेटिक मजिस्ट्रेट द्वारा कोठार से 10 बण्डलों का चयन रैण्डम प्रकार से करते हुए उपप्रधान परीक्षक को उत्तर पुस्तिकाएं वितरित की जायेंगी। मूल्यांकन कार्य सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में होगा। खुफिया पुलिस के साथ सादी वर्दी में पुलिस केंद्रों पर रहेगी। हर केंद्र पर चार सशस्त्र पुलिस कर्मी तैनात रहेंगे। परीक्षक अपने साथ मूल्यांकन कक्ष में मोबाइल नहीं ले जा सकेंगे।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के 258 केंद्रों पर मूल्यांकन कार्य 18 मार्च से एक अप्रैल तक चलेगा। एक लाख 40 हजार से अधिक परीक्षक उत्तर पुस्तिका को जांचेगे। यूपी बोर्ड ने जिस तरह से शुचितापूर्ण तरीके से परीक्षा कराई है उसी प्रकार मूल्यांकन कार्य कराने जा रहा है। उन्होंने बताया कि पांचों क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। मूल्यांकन केंद्रों को पहली बार स्टैटिक मजिस्ट्रेट के हवाले किया जाएगा। शासन की ओर से सभी डीएम को पत्र प्रेषित कर मूल्यांकन कार्य को शुचितापूर्ण तरीके से कराने में सहयोग करने को कहा गया है। मूल्यांकन में गड़बड़ी की स्थिति में स्टैटिक मजिस्ट्रेट की जवाबदेही रहेगी।

बोर्ड सचिव ने बताया कि स्टैटिक मजिस्ट्रेट कोठार से दस बंडलों का रैण्डम तरीके से चयन करेंगे और उसे उप प्रधान परीक्षक को देंगे। वे लगातर मूल्यांकन कार्य का सतत निरीक्षण करेंगे। जनपद एवं राज्य स्तर से मूल्यांकन केंद्रों की सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रहेगी। वेब कास्टिंग के माध्यम से लाइव मानीटरिंग होगी। प्रत्येक कक्ष में सीसीटीवी कैमरा रहेगा। सचिव ने कहा कि कोई भी परीक्षक मोबाइल फोन के साथ पकड़ा गया तो सख्त कारवाई होगी।

--डायट के प्राचार्य रहेंगे पर्यवेक्षक

मूल्यांकन केंद्रों के पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी डायट के प्राचार्य निभाएंगे। प्रत्येक जिले के डायट प्राचार्य अपने यहां के सभी मूल्यांकन केंद्रों की जांच करेंगे। पर्यवेक्षक यह भी सुनिश्चित करेंगे कि किसी केंद्र पर बाहरी व्यक्ति न आने पाएं। सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि उपप्रधान परीक्षकों को रैण्डम तरीके से उत्तर पुस्तिकाएं दी जा रही हैं अथवा नहीं इसकी निगरानी भी पर्यवेक्षक करेंगे। केंद्र के बाहर भीड़ जमा ना होने पाए इसकी जिम्मेदारी भी वे निभाएंगे। जनपद एवं राज्य स्तर के अधिकारियों के संपर्क में पर्यवेक्षक रहेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त

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