सनातन संस्कृति में ही पर्यावरण और नारी का सम्मान: लक्ष्मण आचार्य
-संस्कृति संसद के समापन समारोह में शामिल हुए सिक्किम के राज्यपाल
बोले वक्ता- संसद ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक सभी को एक तार में जोड़ा
वाराणसी, 05 नवम्बर (हि.स.)। धर्म नगरी काशी में आयोजित तीन दिवसीय संस्कृति संसद के समापन समारोह में रविवार को सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य भी शामिल हुए। समारोह में राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति हमेशा से महापुरुषों को जन्म देती आई है। इसी संस्कृति के कारण महिलाओं ने श्रेष्ठ पुरुषों को जन्म दिया। सनातन संस्कृति चिरंतन और अनन्त है। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति में पर्यावरण और नारी का सम्मान है। सनातन संस्कृति में विकृति के तत्व गुलामी के कारण हैं।
उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिला आरक्षण अधिनियम नारी शक्ति वंदन की परम्परा को आगे बढ़ाया। हमारे देश में नारियों का सम्मान सदा से रहा है और उस गौरव को प्रधानमंत्री ने फिर से आगे बढ़ाया। भारत में नारियों की पूजा सदा से होती रही है और आज भी है, यही सनातन संस्कृति का मूल तत्व है। समारोह में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् के महंत रविन्द्रपुरी ने कहा कि काशी मुक्ति की नगरी है तथा यह तीनों लोकों से न्यारी है। इसका विनाश कभी नहीं होता। ऐसी नगरी में आयोजित यह सांस्कृतिक संगम निश्चित ही दुनिया को राह दिखाएगा। इस आयोजन से संतों का जागरण हुआ और संत पूरे सनातन समाज का जागरण करेंगे। अखिल भारतीय सन्त समिति के अध्यक्ष आचार्य अविचल देवाचार्य ने सांस्कृतिक संगम में आए देश के 127 पंथों, 13 अखाड़ों के डेढ़ हजार संतों के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि यहां का संदेश सनातन धर्म की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण होगा। यह पहली बार हो सका कि काशी में देश के उत्तर एवं दक्षिण के संत एक साथ सम्मिलित हुए। पहली बार इतनी बड़ी संख्या में दक्षिण भारत के संतों का समागम हो सका। संस्कृति संसद का संदेश निश्चित ही यह भावी भारत में सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।
बीएचयू के पूर्व कुलपति प्रो. गिरिशचंद्र त्रिपाठी ने कहा कि सनातन संस्कृति परमात्मा द्वारा निर्मित है और इसने दुनिया को दिशा दिखाई। समापन समारोह में मंच पर काशी विद्वत परिषद् के प्रो. रामनाराण द्विवेदी, संसद के संयोजक गोविंद शर्मा, गंगा महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो. ओमप्रकाश सिंह, विश्व हिन्दू परिषद् के दिनेश, परिषद् के केन्द्रीय मंत्री अशोक तिवारी, आयोजन समिति के अध्यक्ष विधायक कैलाश खरवार, आयोजन समिति के सचिव सिद्धार्थ सिंह भी मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/आकाश
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