योगी सरकार की नई स्थानांतरण नीति में दिव्यांग कार्मिकों को मिलेगी विशेष राहत
लखनऊ, 16 जून (हि.स.)। योगी सरकार ने स्थानांतरण नीति 2024-25 में दिव्यांगों को विशेष रूप से राहत प्रदान की है। इसके प्रावधानों के अनुसार दिव्यांग कार्मिकों या ऐसे कार्मिक जिनके आश्रित परिवारीजन 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता से प्रभावित हों, को सामान्य स्थानांतरण से मुक्त रखा जाएगा। ऐसे दिव्यांग कार्मिकों के स्थानांतरण गंभीर शिकायतों या अपरिहार्य कारणों से ही किए जाएंगे। यही नहीं दिव्यांग कार्मिक के द्वारा अनुरोध किए जाने पर पद की उपलब्धता के आधार पर उसे उनके गृह जिले में तैनात करने पर विचार किया जा सकता है।
लोकसभा चुनावों के बाद पहली कैबिनेट बैठक में योगी सरकार ने नई स्थानांतरण नीति 2024-25 को मंजूरी प्रदान की थी। इसमें विशेष परिस्थितियों में स्थानांतरण को लेकर कई प्रावधान किए गए हैं।
दिव्यांग बच्चों के माता-पिता को मिलेगा विकल्प-
नई स्थानांतरण नीति में विशेष परिस्थितियों में स्थानांतरण के लिए विशेष प्रक्रिया निर्धारित की गई है। इसके अनुसार मानसिक रूप से मंद बच्चों, चलन क्रिया से प्रभावित दिव्यांग बच्चों के माता-पिता की तैनाती अधिकृत सरकारी चिकित्सक के प्रमाण पत्र के आधार पर विकल्प प्राप्त करके ऐसे स्थान पर की जा सकेगी, जहां चिकित्सा की समुचित व्यवस्था उपलब्ध हो या जहां से उनकी उचित देखभाल हो सके। इसके अलावा किसी अधिकारी/कर्मचारी के व्यक्तिगत कारणों जैसे चिकित्सा या बच्चों की शिक्षा, शासकीय सेवा के दौरान मृत माता या पिता के अवयस्क बच्चों के पालन पोषण, देखभाल के आधार पर स्थान रिक्त होने या दूसरे अधिकारी, कर्मचारी के सहमत होने पर स्थानांतरण या समायोजन किया जा सकेगा। बशर्ते कि उस पर कोई प्रशासनिक आपत्ति न हो।
पति-पत्नी को एक ही जिले में मिल सकेगा स्थानांतरण-
नई नीति के अनुसार यदि पति और पत्नी दोनों सरकारी सेवा में हैं तो उन्हें यथासंभव एक ही जिले, नगर या स्थान पर तैनात करने के लिए स्थानांतरण किया जा सकेगा। इसी तरह 2 वर्ष में सेवानिवृत्त होने वाले समूह ग एवं घ के कार्मिकों को उनके गृह जिले एवं समूह क एवं ख के कार्मिकों को उनके गृह जिले को छोड़ते हुए इच्छित जिले में तैनात करने पर विचार किया जाएगा। इसके पूर्व में उस मंडल या जिले में उसकी तैनाती अवधि को संज्ञान में नहीं लिया जाएगा। इसके अलावा प्रोन्नति, सेवा समाप्ति, सेवानिवृत्ति आदि स्थितियों में प्राप्त रिक्त पदों पर स्थानांतरण किए जा सकेंगे। यदि किसी कार्मिक को प्रोन्नति के उपरांत किसी अन्य स्थान पर रिक्त पदों के सापेक्ष नियुक्त किया जाता है तो इस प्रक्रिया को स्थानांतरण नीति से आच्छादित नहीं माना जाएगा। प्रोन्नति के बाद रिक्त पदों पर तैनाती, नियुक्ति प्राधिकारी के स्तर से की जाएगी। हालांकि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस प्रकार के स्थानांतरण पारदर्शी व वस्तुनिष्ठ सिद्धांत के अनुसार हों।
आकांक्षी जिलों और विकासखंडों का विशेष ध्यान-
केंद्र सरकार द्वारा घोषित प्रदेश की आकांक्षी जिला योजना से संबंधित 8 जिले (चित्रकूट, चंदौली, सोनभद्र, फतेहरपुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती व बहराइच) एवं प्रदेश के घोषित 100 आकांक्षी विकासखंडों में प्रत्येक विभाग द्वारा प्रत्येक दशा में समस्त पदों पर तैनाती करके संतृत्प किया जाएगा। इन आकांक्षी जिलों एवं बुंदेलखंड के सभी जिलों के साथ ही 34 जिलों के 100 आकांक्षी विकास खंडों में तैनात कार्मिकों को स्थानांतरण के बाद उनके नियंत्रक प्राधिकारियों द्वारा तब तक अवमुक्त नहीं किया जाएगा जब तक कि उनके प्रतिस्थानी द्वारा कार्यभार ग्रहरण न कर लिया जाए। यह प्रतिबंध आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, पीसीएस एवं पीपीएस अधिकारियों पर लागू नहीं होगा।
हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप/पवन
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